
मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना ने कहा है कि अकेले कानून लागू करने से बलात्कार की घटनाएं नहीं रोकी जा सकतीं। उन्होंने मोबाइल फोन और इंटरनेट के जरिए पोर्नोग्राफी तक आसान पहुंच के कारण सामाजिक नैतिकता में गिरावट का हवाला दिया। शनिवार को उज्जैन में समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मकवाना ने कहा, जिस तरह से इंटरनेट पर अश्लीलता परोसी जा रही है, उससे बच्चों का दिमाग विकृत हो रहा है।
उन्होंने कहा कि यौन अपराधों में बढ़ोतरी के पीछे कई फैक्टर हैं। न्यूज एजेंसी PTI ने मकवाना के हवाले से कहा, “बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के पीछे कई कारण हैं। मुझे लगता है कि इसमें इंटरनेट, मोबाइल फोन, अश्लील कंटेंट की मौजूदगी और शराब शामिल हैं।”
उन्होंने कहा, “आज मोबाइल फोन के जरिए कोई व्यक्ति कहीं से किसी और से जुड़ रहा है। समाज में नैतिकता के पतन के ऐसे कई कारण हैं। अकेले पुलिस के लिए इससे निपटना संभव नहीं है।”
मकवाना ने घरों में निगरानी और मार्गदर्शन की कमी की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा, “पहले बच्चे शिक्षकों और परिवार के सदस्यों की बात सुनते थे, लेकिन आज घर में कोई भी एक-दूसरे पर नजर नहीं रख पाता है।” उन्होंने आगे कहा, “अब सारी सीमाएं टूट रही हैं।”
‘इंटरनेट पर अश्लील कंटेंट बच्चों के दिमाग को विकृत कर रहा है’
डिजिटल एक्सपोजर के असर को दोहराते हुए उन्होंने कहा, “जिस तरह से इंटरनेट पर अश्लील कंटेंट परोसा जा रहा है, वो निश्चित रूप से उनके (बच्चों के) दिमाग को विकृत कर रहा है। यही कारण है कि ये घटनाएं हो रही हैं।”
संयोग से मध्य प्रदेश विधानसभा के पिछले सत्र के दौरान राज्य सरकार ने सदन को बताया था कि 2024 में हर दिन बलात्कार के 20 मामले दर्ज किए गए हैं।
राज्य गृह विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में बलात्कार के 6,134 मामले दर्ज किए गए। 2024 में यह संख्या बढ़कर 7,294 हो गई – 19 प्रतिशत का इजाफा।
मकवाना की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब कोलकाता में एक लॉ छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस हफ्ते की शुरुआत में हुई इस क्रूर घटना ने पूरे देश में जन आक्रोश, राजनीतिक वाद-विवाद और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं।