फ्लैट खरीदने के लिए व्यक्ति अपना सबकुछ लगा देता है। वह अपनी सेविंग्स का इस्तेमाल डाउनपेमेंट के लिए करता है। फिर हर महीने सैलरी या इनकम का बड़ा हिस्सा EMI में चला जाता है। इसके बदले उसे सिर्फ अपने घर में रहने का अहसास मिलता है। इसी के लिए वह बड़ी से बड़ी मुश्किल उठाने को तैयार रहता है