
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के दांदरपुर गांव में एक शर्मनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश में सामाजिक और राजनीतिक हलचल मचा दी है। यहां श्रीमद्भागवत कथा करने आए एक कथावाचक और उनके सहायक के साथ जाति के नाम पर बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं। आरोप है कि यादव जाति से आने वाले भागवताचार्य मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत कुमार यादव के साथ कुछ लोगों ने न सिर्फ मारपीट की, बल्कि उन्हें अपमानित करते हुए उनकी चोटी और बाल तक काट दिए।
इतना ही नहीं, कथावाचक को महिला के पैर छूने और नाक रगड़ने पर भी मजबूर किया गया, और कथित तौर पर उन पर पेशाब तक छिड़का गया। यह पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो गई और जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया।
यह घटना 21 जून को शुरू हुई, जब गांव के मंदिर में सात दिन की श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया था, जिसके लिए औरैया से कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनका सहायक बुलाए गए थे। पहले दिन कलश यात्रा के बाद कुछ ग्रामीणों ने कथावाचक पर जाति छिपाने का आरोप लगाया। जब उन्होंने बताया कि वे यादव जाति से हैं, तो भीड़ में से कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए उनके साथ अभद्रता शुरू कर दी।
बंधक बनाकर पांच घंटे तक अमानवीय व्यवहार
मामला इतना बढ़ गया कि कथावाचक और उनके सहायक को बंधक बनाकर पांच घंटे तक अमानवीय व्यवहार किया गया। उनका हारमोनियम तोड़ दिया गया और उन्हें अपमानित करने की हर हद पार कर दी गई। यह पूरा कृत्य रिकॉर्ड कर किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसके बाद प्रशासन और पुलिस पर भारी दबाव पड़ा।
वीडियो वायरल होते ही इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने तुरंत संज्ञान लिया और कार्रवाई शुरू की। पीड़ितों की तहरीर के आधार पर थाना बकेवर में मुकदमा दर्ज किया गया और चार आरोपियों—आशीष तिवारी, उत्तम अवस्थी, प्रथम दुबे उर्फ मनु दुबे और निक्की अवस्थी—को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच अब ASP के नेतृत्व में की जा रही है और सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भड़क गए अखिलेश यादव
इस पूरे मामले ने प्रदेश की राजनीति में भी उबाल ला दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो शेयर करते हुए इसे संविधान और मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन बताया।
अखिलेश यादव ने पोस्ट में लिखा, “इटावा के बकेवर इलाके के दांदरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर PDA की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई।”
इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई। हमारा संविधान जातिगत भेदभाव… pic.twitter.com/Pr11ohEp59
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 23, 2025
सपा अध्यक्ष ने लिखा, “हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुद्ध किया गया अपराध है। सभी आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए।
उन्होंने आगे लिखा, “अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘PDA के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे। PDA के मान से बढ़कर कुछ नहीं!”