
Business activity in June : 23 जून को जारी प्राइवेट सेक्टर के सर्वे के प्रारंभिक परिणामों से पता चलता है कि सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन के दम पर भारत की कारोबारी गतिविधियां जून में 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं हैं। HSBC का फ्लैश इंडिया कम्पोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मई के 59.3 से बढ़कर जून के दौरान 61 पर पहुंच गया है। अर्थव्यवस्था लगातार तीन महीनों से भू-राजनीतिक तूफानों से जूझ रही है जिसकी शुरुआत 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए हाई टैरिफ से हुई थी। हालांकि इस पर बाद में 90 दिनों का स्थगन लगा दिया गया। सर्विसेज पीएमआई 10 महीने के उच्चतम स्तर पर रही है। जबकि मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि 14 महीने के उच्चतम स्तर 58.4 पर पहुंच गई है।
PMI ने लगातार तीन महीनों तक 59 से अधिक का आंकड़ा दर्ज किया है, जो पिछली तिमाही के 58.7 से अधिक है। इस दौरान विकास दर चार तिमाहियों के उच्चतम स्तर 7.6 फीसदी पर पहुंच गई है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर धीमी रहने की संभावना है।
मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष से भी कारोबारी प्रदर्शन पर असर पड़ने की आशंका है,क्योंकि तेल की कीमतें बढ़ रही हैं और ट्रेड रूट में व्यवधान की आशंका है। वीकेंड में कम से कम तीन ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी बमबारी के बाद तेल की कीमतें बढ़ रही हैं। ईरान ने अमेरिका द्वारा ईरान के दो मुख्य भूमिगत संवर्धन संयंत्रों नातान्ज़ और फोर्डो सहित अन्य स्थलों पर बड़े पैमाने पर बंकर-तोड़ बमों का इस्तेमाल करने के बाद जवाबी कार्रवाई की कसम खाई है।
10 दिन पहले इजरायल-ईरान संघर्ष की शुरुआत के बाद से बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड में 13 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 23 जून को तेल की कीमतें पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। अगर ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करता है तो दुनिया में तेल और गैस की सप्लाई में बड़ी बाधा आने की संभावना है।