
शेयरों में निवेश की अनापशनाप सलाह देने वालों की दुकान बंद होने जा रही है। अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट और स्टॉक मार्केट एडवर्टाइजर्स की गतिविधियों पर लगाम लगने जा रही है। सेबी इसके लिए गूगल और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से बातचीत कर रहा है। सेबी इस बारे में काफी गंभीर है। वह पहले भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इनवेस्टमेंट टिप्स देने वाले लोगों के खिलाफ कई कदम उठा चुका है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स कर रहे सेबी की मदद
इस बारे में मनीकंट्रोल के एक सवाल के जवाब में SEBI ने कहा, “हम उन सभी लोगों का शुक्रगुजार हैं जो इस रिस्क को घटाने में हमारा सहयोग कर रहे हैं। इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से बातचीत चल रही है।” रेगुलेटर ने कहा कि अनरजिस्टर्ड फिनफ्लूएंसर्स की तरफ से दी जा रही निवेश की सलाह पर रोक लगाने के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाई गई है। इसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ सहयोग भी शामिल है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का नाम भी हो रहा खराब
सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इस मामले में सेबी की मदद कर रहे हैं। माना जा रहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस प्रॉब्लम को खत्म करने के लिए जल्द अपनी तरफ से कुछ उपायों को लागू करेंगे। अनरजिस्टर्ड फिनफ्लूएंसर्स इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का दुरूपयोग करते हैं, जिससे भोलेभाले निवेशकों को तो नुकसान होता ही है साथ ही इन प्लेटफॉर्म्स को भी चोट पहुंचती है। एक सूत्र ने बताया कि इस मामले में जो प्लेटफॉर्म सहयोग नहीं करेंगे, उन्हें सेबी के तहत आने वाली संस्थाओं से बिजनेस नहीं मिलेगा।
ऐसे शेयरों में निवेश की सलाह दी जाती है जिन्हें कोई नहीं जानता
गूगल और टेलीग्राम ने इस बारे में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। सेबी के हाल में आए कई ऑर्डर्स से पता चलता है कि फ्रॉड करने वालों ने निवेशकों को फंसाने के लिए यूट्यूब, टेलीग्राम और व्हाट्सअप जैसे चैनलों का बार-बार इस्तेमाल किया। किसी स्टॉक के प्रचार या उसके बारे में झूठी कहानी फैलाने के लिए यूट्यूब वीडियो का इस्तेमाल किया गया। ऐसी कंपनियों में निवेशकों को पैसे लगाने की सलाह दी गई, जिन्हें कोई नहीं जानता या जिनके बिजनेस के बारे में कुछ भी पता नहीं है।
ज्यादातर नए इनवेस्टर्स फंसते हैं जाल में
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अनापशनाप सलाह देने वालों के जाल में ज्यादातर नए निवेशक फंसते हैं। कोविड के बाद से स्टॉक मार्केट्स में पैसे लगाने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ी है। कई नए निवेशक स्टॉक मार्केट्स को फटाफट पैसे कमाने वाले जरिया के रूप में देखते हैं। वे फर्जी फिनफ्लूएंसर्स के जाल में जल्द फंस जाते हैं। फिर, नुकसान होने पर उन्हें अपनी गलती का अहसास होता है।