
हिमाचल प्रदेश में मानसून के शुरुआत में ही बारिश ने बड़ी तबाही मचाई है। वहीं, बारिश के साथ-साथ कुल्लू जिले से बादल फटने की भी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें कई गाड़ियां तक बह गई है। फिलहाल,अभी तक जनहानि की कोई खबर नहीं है। ये घटनाएं सैंज, गड़सा और सोलंग नाला क्षेत्रों में हुईं, जहां भारी बारिश के चलते जीवा नाला में पानी का स्तर अचानक बढ़ गया। इसके बाद प्रशासन ने आसपास के इलाकों के लिए चेतावनी जारी कर दी।
अचानक आई इस बाढ़ से नदी-नालों में तेज बहाव शुरू हो गया, जिससे जिले में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई। इसके कारण कुल्लू जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली मुख्य सड़क औट-लुहरी-सैंज राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गई, जिससे वहां वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई। कुल्लू जिले में भारी बारिश और सड़कों के बंद होने की वजह से कई लोग रास्ते में ही फंस गए। कृषि और पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी भी बादल फटने की वजह से रास्ते में फंस गए। रास्ता बंद होने के कारण उनका काफिला बीच रास्ते में ही रुक गया।
वहीं हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं को लेकर आपदा प्रबंधन निदेशक डी.सी. राणा ने मीडिया से बातचीत में जानकारी दी कि पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ गया है और वह उफान पर है। उन्होंने बताया कि अब तक किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लोगों को सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। सरकार ने आपात स्थिति में मदद के लिए दो टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। इसके साथ ही आपदा प्रतिक्रिया टीमें हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।