
“दौड़ा-दौड़ा भागा-भागा सा…” चाची420 फिल्म का ये गाना आपको याद ही होगा। फिल्म में कमल हासन भागे-भागे सारे काम करते नजर आते हैं। इस फिल्म में कमल हासन जैसे बिजी नजर आते हैं, वैसे ही अब प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोग बिजी होने वाली हैं। बेंगलुरु शहर में आईटी सेक्टर सहित अन्य कंपनी में काम करने वाले लोग कर्नाटक सरकार के ताजा कदम से घबराए हुए हैं। सरकार के नए प्रस्ताव के खिलाफ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। कर्नाटक सरकार ने बीते दिनों जो 12 घंटे काम करने का प्रपोजल जारी किया है, उसने कॉर्पोरेट जगत में हाहाकार मचा दी है।
अब 12 घंटे की होगी शिफ्ट
कर्नाटक सरकार ने काम के घंटों से जुड़े नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा है, जिससे प्राइवेट कंपनियों को ओवरटाइम समेत 12 घंटे तक की शिफ्ट लागू करने की अनुमति मिल सकती है। इस प्रस्ताव को लेकर खासतौर पर आईटी और आईटीईएस सेक्टर की कर्मचारी यूनियनों ने कड़ा विरोध जताया है। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि हफ्ते में काम करने की अधिकतम सीमा 48 घंटे ही रहेगी। हालांकि, रोज़ाना काम के घंटों को 9 से बढ़ाकर 10 करने और ओवरटाइम जोड़ने की योजना ने कर्मचारियों की सेहत, निजी जीवन को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
क्या है प्रस्ताव?
कर्नाटक सरकार ने यह बदलाव कर्नाटक शॉप्स एंड कमर्शियल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में संशोधन के जरिए पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना है। जिसके तहत रोज़ाना काम के घंटे 9 से बढ़ाकर 10 किए जा सकते हैं। इसके अलावा, ओवरटाइम समेत रोज़ 12 घंटे तक काम करने की अनुमति दी जा सकती है। इसका मकसद राज्य के नियमों को केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार बनाना है, क्योंकि केंद्र ने सभी राज्यों से काम के घंटों की सीमा बढ़ाने पर विचार करने को कहा है। कर्नाटक सरकार के इस प्लान के खिलाफ Karnataka State IT/ITeS Employees Union (KITU) ने मोर्चा खोल दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता है, तो हर तिमाही में ओवरटाइम की सीमा भी 50 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे तक कर दी जाएगी।
आईटी कर्मचारी संघों ने जताया विरोध
कर्नाटक सरकार के इस प्रस्ताव का आईटी सेक्टर के कर्मचारी संगठनों ने जोरदार विरोध किया है। उनका कहना है कि इतने लंबे काम के घंटे कर्मचारियों में तनाव बढ़ाएंगे, काम की क्वालिटी और प्रोडक्टिविटी घटेगी और यह कर्मचारियों के अधिकारों के खिलाफ है। बता दें कि देश का सबसे बड़ा आईटी हब बेंगलुरु, कर्नाटक में ही स्थित है। कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ ने बुधवार को सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया और कहा कि “आईटी, आईटीईएस और बीपीओ सेक्टर में रोज़ाना 12 घंटे की शिफ्ट लागू करने के सरकार के फैसले का पूरे श्रमिक वर्ग को मिलकर विरोध करना चाहिए।”
केआईटीयू का बयान
कर्नाटक राज्य आईटी कर्मचारी संघ (KITU) ने एक बयान में कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन 12 घंटे के काम को सामान्य बनाने की कोशिश है। फिलहाल मौजूदा कानून के तहत ओवरटाइम सहित किसी भी कर्मचारी से रोज़ अधिकतम 10 घंटे तक ही काम कराया जा सकता है। संघ ने यह भी कहा कि अगर यह संशोधन लागू हुआ तो कंपनियां मौजूदा तीन शिफ्ट व्यवस्था की जगह दो शिफ्ट प्रणाली अपना सकेंगी। इससे एक तिहाई कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं, क्योंकि कम कर्मचारियों से ज्यादा काम करवाया जाएगा।