
ईरान-इजरायल लड़ाई के उग्र रूप अख्तियार करने के बाद भी गोल्ड की कीमतों में नरमी बनी हुई है। यह चौंकाने वाली बात है। ऐसा लगता है कि इस साल यानी 2025 में 30 फीसदी उछाल के बाद गोल्ड अब सुस्ता रहा है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड में अगले 1-2 महीनों में 10 फीसदी गिरावट आ सकती है। एक साल के अंदर गोल्ड की कीमतें करीब 30 फीसदी क्रैश कर सकती हैं।
सिटी रिसर्च भी गोल्ड में बड़े करेक्शन का अनुमान जता चुका है
19 जून को सोने की कीमतों पर दबाव देखने को मिला। स्पॉट गोल्ड की कीमत बगैर ज्यादा बदलाव के 3,369.79 डॉलर प्रति औंस रही, जबकि यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.6 फीसदी गिरकर 3,387.30 डॉलर प्रति औंस था। एएनजेड कमोडिटी स्ट्रेटेजिस्ट सोनी कुमारी ने कहा कि हमें गोल्ड की कीमतें गिरकर 3,000 डॉलर प्रति औंस तक आ जाने की उम्मीद है। इससे पहले सिटी रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गोल्ड में बड़ी गिरावट का अनुमान जताया था।
ईरान-इजराइल लड़ाई बढ़ने के बाद भी गोल्ड में स्थिरता
केडिया एडवायजरी के अजय केडिया ने कहा कि बीते 10-20 सालों में हमने मध्यपूर्व में कई लड़ाइयां देखी हैं। अगर 7 दिनों से जारी इजराइल-ईरान लड़ाई की बात की जाए तो लड़ाई के पहले दिन गोल्ड में तेजी दिखी। लेकिन, उसके बाद जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने के बावजूद गोल्ड में नरमी दिखी है। इसका मतलब है कि ईरान-इजरायल के बीच लड़ाई का असर गोल्ड की कीमतों पर पड़ चुका है।
2400 डॉलर तक जा सकता है भाव
गोल्ड अप्रैल के आखिर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,500 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया था। यह गोल्ड का ऑल टाइम हाई प्राइस है। उसके बाद से गोल्ड पर दबाव देखने को मिला है। केडिया ने कहा कि अगले 1-2 महीनों में गोल्ड में 8-10 फीसदी की गिरावट दिख सकती है। अगर ईरान और इजराइल के बीच की लड़ाई जल्द खत्म हो जाती है तो गोल्ड गिरकर 2,400 डॉलर तक जा सकता है।
गोल्ड फिसला तो आपको क्या करना होगा?
सवाल है कि अगर गोल्ड में बड़ी गिरावट आती है तो आपको क्या करना चाहिए? एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड में निवेश का मकसद रिटर्न की जगह पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन होता है। पोर्टफोलियो में किसी एक एसेट की ज्यादा मौजूदगी होने पर गोल्ड उसे संतुलित करने का काम करता है। आगे गिरावट के देखते हुए निवेशकों को फिलहाल गोल्ड में निवेश रोक देना चाहिए। अगर गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम में SIP चल रहा है तो उसे जारी रखना चाहिए। अगर किसी वजह से गोल्ड की खरीदारी जरूरी है तो एक बार में ज्यादा खरीदारी नहीं करनी चाहिए।
एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि अगर किसी व्यक्ति के इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी 10-15 फीसदी तक है तो उसे चिंता नहीं करनी चाहिए। यह पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन के लिए जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति के इनवेस्टमेंट में गोल्ड की हिस्सेदारी नहीं है या बहुत कम है तो गिरावट आने पर गोल्ड में निवेश करना चाहिए। इससे आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफायड बना रहेगा।