
हम अक्सर टैक्स, मार्केट में उतारचढ़ाव और इनवेस्टमेंट पर मिलने वाले रिटर्न की बात करते हैं। लेकिन, पैसे की वैल्यू पर इनफ्लेशन के असर के बारे में कम ही बात करते हैं। सच्चाई यह है कि इनफ्लेशन की वजह से आपके पैसे की वैल्यू रोज कुछ-कुछ न कुछ घटती है। इसलिए अगर आप रिटायरमेंट बाद के खर्चों और ऐसी दूसरी जरूरतों के लिए बड़ा फंड तैयार करना चाहते हैं तो आपको इनफ्लेशन के असर को ध्यान में रखना होगा।
क्या है इनफ्लेशन?
Inflation का मतलब गुड्स और सर्विसेज की कीमतों में होने वाली वृद्धि है। जैसे अगर आज एक अंडे की कीमत 6 रुपये है और अगले साल कीमत 7 रुपये हो जाती है तो यह इनफ्लेशन का असर है। एक साल में एक अंडे का दाम 6 से 7 रुपये हो जाने का मतलब है कि उसकी कीमत एक साल में 15 फीसदी बढ़ गई है। ज्यादातर चीजों और सर्विसेज की कीमतें समय के साथ बढ़ती रहती हैं। इसकी वजह इनफ्लेशन है।
यह कैसे असर डालता है?
आम तौर पर हम इनफ्लेशन पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। लेकिन, लंबे समय से यह हमारे पैसे की वैल्यू काफी कम कर देता है। आज 1 करोड़ रुपये से आप जितनी चीजें खरीद सकते हैं, 10-20 बाद आप बहुत कम खरीद पाएंगे। अगर इनफ्लेशन का रेट सालाना 7 फीसदी मान लिया जाए तो आज के 1 करोड़ रुपये की वैल्यू घटकर 20 साल बाद सिर्फ 25.84 रुपये रह जाएगी। इसका मतलब है कि अगर आप 20 साल बाद रिटायरमेंट के लिए आज के 1 करोड़ रुपये का फंड तैयार करना चाहते हैं तो आपको तब 4 करोड़ रुपये के बारे में प्लान करना होगा।
आपको क्या ध्यान में रखना है?
कई ऐसे खर्च है, जो 20 साल बाद कई गुना हो जाएगा। जैसे आज स्कूल की फीस अगर सालाना 1 लाख रुपये है तो 20 साल बाद वह 3.87 लाख रुपये हो जाएगी। आज अगर किसी सर्जरी पर 5 लाख रुपये खर्च हो रहा है तो 20 साल बाद आपको 19.35 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे। अगर आज आपके परिवार का खर्च हर महीने 50 रुपये है तो 20 साल बाद वह 1.93 लाख रुपये हो जाएगा। ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। मगर यह सच है।
सवाल है कि इनफ्लेशन के असर को न्यूट्र्लाइज करने के क्या उपाय हैं?
1. सिर्फ सेविंग्स से काम नहीं चलेगा
अगर आप सिर्फ सेविंग्स करते हैं तो आपके पैसे की वैल्यू हर दिन कुछ न कुछ घटती जाएगी। अगर आप पैसे की वैल्यू घटने की बजाय बढ़ाना चाहते हैं तो आपको पैसे को उन इनवेस्टमेंट ऑरप्शंस में निवेश करना होगा, जिससे मिलने वाला रिटर्न इनफ्लेशन के रेट्स से ज्यादा हो। उदाहरण के लिए अगर आप बैंक सेविंग्स अकाउंट में पैसे रखते हैं तो उस पर आपको 3.5 फीसदी इंटरेस्ट मिलता है। अगर इनफ्लेशन का रेट 5 फीसदी है तो इसका मतलब है कि आपके पैसे की वैल्यू रोजाना घट रही है।
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2. सही जगह पैसे को करें इनवेस्ट
आपका फोकस ज्यादा रिटर्न वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शंस में निवेश करने पर होना चाहिए। उदाहरण के लिए म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम का औसत रिटर्न लंबी अवधि में करीब 10-12 फीसदी होता है। इसका मतलब है कि अगर आप लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड की स्कीम में निवेश करते हैं तो आप न सिर्फ इनफ्लेशन के असर को न्यूट्रलाइज कर सकेंगे बल्कि आपके पैसे की वैल्यू बढ़ेगी।