
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने रायगढ़ चंपा रेल इंफ्रा मामले में JSW Energy को राहत दी है। NCLAT ने नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें कर्ज में डूबी रायगढ़ चंपा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को कर्ज देने वालों को नई बोली प्रक्रिया शुरू करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया गया था। यह डेवलपमेंट JSW Energy के लिए इसलिए अच्छी खबर है क्योंकि इसने रायगढ़ चंपा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (RCRIPL) की इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में भाग लेने की इजाजत मांगी थी। रायगढ़ चंपा रेल इंफ्रा, केएसके महानदी की सहायक कंपनी है।
RCRIPL एक स्पेशल पर्पस व्हीकल है। इसका उद्देश्य मंड रायगढ़ के कोल फील्ड से जांजगीर चंपा के पावर स्टेशनों तक रेलवे लाइन और संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना है। RCRIPL के खिलाफ CIRP (कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस) 1 जनवरी 2021 को शुरू हुई थी। इससे पहले 3 अप्रैल 2025 को NCLT की हैदराबाद बेंच ने रेजोल्यूशन प्रोफेशनल और लेनदारों की समिति को नए संभावित खरीदारों से EoI इनवाइट करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था।
थर्मल पावर प्लांट केएसके महानदी पावर को खरीद चुकी है JSW Energy
JSW Energy ने इस साल मार्च में इनसॉल्वेंसी प्रोसेस के जरिए छत्तीसगढ़ में 3,600 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट केएसके महानदी पावर को 16,084 करोड़ रुपये में खरीद लिया था। NCLAT की चेन्नई बेंच ने RCRIPL के मामले में कहा कि उसे कर्जदाताओं की समिति (CoC) की ओर से नए संभावित खरीदारों को इनवाइट करके नए सिरे से एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EoI) इनवाइट करने के फैसले में कोई कमी नहीं दिखती। बेंच का मानना है कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और पूरी संभावना है कि अधिक बोलियां आएंगी। RCRIPL को खरीदने की दौड़ में 5 कंपनिया शामिल थीं- अदाणी पावर, जिंदल पावर, मेधा सर्वो ड्राइव्स, शेरिशा टेक्नोलोजिज और वेदांता।
EoI को फिर से ओपन करना नहीं होगा भेदभाव
फैसले में कहा गया है कि EoI को अकेले JSW के लिए ही नहीं बल्कि सभी के लिए फिर से ओपन करने का प्रस्ताव है। इसलिए ऐसा करना भेदभाव करने वाली बात नहीं होगी। इसके अलावा मेधा ग्रुप की ओर से पेश की गई बोली पर सुनवाई के दौरान ट्राइब्यूनल ने कहा कि अगर यह रिजर्व प्राइस के तौर पर प्रपोज्ड है, तो फिर अगर EoI प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया जाता है, तो चंपा रेल इंफ्रा की वैल्यू में कोई गिरावट नहीं आएगी। मेधा ग्रुप की बोली सबसे ऊंची है और इसे पहले ही RCRIPL के लेनदारों की ओर से 100% वोटों के साथ मंजूरी दी जा चुकी है।