
CBSE 10th Exam: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (CBSE) ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सीबीएसई कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी। पहले चरण की परीक्षा फरवरी और दूसरा चरण मई में होगा। पहले चरण के नतीजे अप्रैल में और दूसरे चरण के नतीजे जून में आएंगे। दोनों परीक्षाएं पूर्ण पाठ्यक्रम पर आयोजित की जाएंगी। पहला चरण स्टूडेंट्स के लिए अनिवार्य होगा। वहीं, दूसरे चरण स्टूडेंट्स के लिए वैकल्पिक होगा।
सामने आई ये बड़ी जानकारी
CBSE एग्जाम कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने बताया कि, बोर्ड की परीक्षाएं अब दो चरणों में कराई जाएंगी। पहला चरण फरवरी में और दूसरा चरण मई में होगा। इन दोनों चरणों के नतीजे क्रमशः अप्रैल और जून में घोषित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले चरण में सभी छात्रों को शामिल होना अनिवार्य होगा, जबकि दूसरे चरण की परीक्षा वैकल्पिक होगी, यानी छात्र चाहें तो इसमें शामिल हो सकते हैं। छात्रों को विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं जैसे विषयों में से किसी भी तीन विषयों में अपने अंक सुधारने का मौका मिलेगा।
छात्रों को मिलेगा ये ऑप्शन
CBSE ने बताया है कि विंटर सेशन में पढ़ने वाले कक्षा 10 के छात्रों को यह ऑप्शन मिलेगा कि वे बोर्ड परीक्षा पहले या दूसरे किसी भी फेज में दे सकते हैं। हालांकि, आंतरिक मूल्यांकन (internal assessment) पूरे साल में सिर्फ एक बार ही किया जाएगा। CBSE ने इस साल फरवरी में एक मसौदा नीति जारी की थी और उस पर लोगों से सुझाव मांगे थे। CBSE अध्यक्ष राहुल सिंह ने कहा कि, यह कदम नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के अनुसार उठाया गया है। NEP का सुझाव है कि बोर्ड परीक्षाओं का दबाव कम करने के लिए छात्रों को एक ही साल में दो बार परीक्षा देने की अनुमति मिलनी चाहिए, ताकि वे अपना प्रदर्शन बेहतर कर सकें।