
IPO News: जून महीना मानसूनी बारिश का है, और इस बार आईपीओ की भी जमकर बारिश हुई। मेनबोर्ड ही नहीं, इस महीने एसएमई सेगमेंट में भी शानदार रौनक रही। मेनबोर्ड यानी बीएसई और एनएसई पर एंट्री की तैयारी में जुटी कंपनियों की बात करें तो आठ कंपनियों के ₹17,688 करोड़ के आईपीओ आए जो छह महीने में सबसे अधिक है। वहीं दूसरी तरफ एसएमई सेगमेंट की बात करें तो 30 कंपनियों के करीब ₹1329 करोड़ के आईपीओ आए जोकि नौ महीने में सबसे अधिक है। हालांकि एनालिस्ट्स इस बात को लेकर आगाह कर रहे हैं कि कोई भी बड़ा आईपीओ आता है और लिस्टिंग कमजोर रहती है तो सेकंडरी मार्केट में भी रौनक फीकी पड़ सकती है। इस महीने आईपीओ की बारिश में भी निवेशकों का रिस्पांस जबरदस्त नहीं रहा क्योंकि इस पर अधिक मूल्यांकन और कमाई की कमजोर संभावनाओं से जुड़ी चिंताओं ने असर डाला।
जून में कौन-कौन सी कंपनियों ने लाए बड़े IPO
इस महीने जून में सबसे बड़ा ₹12,500 करोड़ का आईपीओ एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDB Financial Services) ने लाया। इसके अलावा कल्पतरू प्रोजेक्ट्स के (Kalpataru Projects) के ₹1,590 करोड़ और ओसवाल पम्प्स (Oswal Pumps) के ₹1,387 करोड़ के आईपीओ ने भी हलचल मचाई। इसके अलावा एलेनबैरी इंडस्ट्रियल गैसेज, संभव स्टील ट्यूब्स और एरिसइंफ्रा सॉल्यूशंस के भी आईपीओ लाए।
एसएमई सेगमेंट की बात करें तो इस महीने सेफ एंटरप्राइजेज रिटेल फिक्सचर्स (Safe Enterprises Retail Fixtures) का ₹161 करोड़, पुष्पा ज्वैलर्स (Pushpa Jewellers) का ₹94 करोड़, मोनोलिथिक इंडिया (Monolithisch India) का ₹82 करोड़, नीतू योशी (Neetu Yoshi) का ₹74 करोड़, पाटिल ऑटोमेशन (Patil Automation) का ₹66 करोड़, सचीरोम (Sacheerome) का ₹58 करोड़, सेडार टेक्सटाइल्स (Cedaar Textile) का ₹58 करोड़ और इनफ्लक्स हेल्थकेट (Influx Healthtech) का ₹56 करोड़ का आईपीओ आया।
आईपीओ मार्केट को लेकर क्या है एनालिस्ट्स का रुझान?
च्वाइस ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट राजनाथ यादव का कहना है कि बाजार नियामक सेबी के नियामकीय टाइमलाइन फिक्स किए जाने के चलते ही आईपीओ मार्केट में रौनक बढ़ गई। इसके चलते कंपनियां फटाफट मंजूरी मिलने के बाद आईपीओ फटाफट लाने लगीं ताकि फिर से आईपीओ का ड्राफ्ट फाइल न करना पड़े। इसके अलावा अधिकतर आईपीओ नए शेयरों के लिए थे यानी कि पूंजी की तत्काल जरूरत में आईपीओ लाया यानी कि इसे अधिक टाला नहीं जा सकता था।
इससे पहले इस साल 2025 की शुरुआत में कमजोर सेंटिमेंट और बढ़ते जियोपॉलिटिकल टेंशन में आईपीओ मार्केट की रौनक फीकी हो गई थी। सेबी से मंजूरी मिलने के बावजूद कुछ कंपनियों ने अधिक बेहतर स्थिति आने के इंतजार में इसे टाल दिया। अब महंगाई की नरमी और विदेशी निवेशकों की फिर से वापसी ने माहौल बेहतर किया है।
वहीं एसएमई आईपीओ की बात करें तो एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट सौरभ जैन का कहना है कि छोटे बिजनेसेज में मजबूत ग्रोथ के भरोसे ने भी आईपीओ मार्केट की गतिविधियां बढ़ा दी। हालांकि आगे की बात करें तो एक्सपर्ट्स ने सतर्क किया है कि बढ़ते जियोपॉलिटिकल टेंशन और कमजोर लिस्टिंग से गतिविधियां सुस्त पड़ सकती हैं।
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