
AI War: ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के चलते कितनी नौकरियां जाएंगी या जाएंगी कि नहीं, इसे लेकर बहस चल ही रही है, लेकिन एक बात जो सामने है, वह ये कि इसके जानकारों को अपने यहां रखने को लेकर लड़ाई तेज हो गई है। हाल ही में जेनेरेटिव एआई चैटबॉट चैटजीपीटी (ChatGPT) की पैरेंट कंपनी ओपनएआई (OpenAI) की तीन सीनियर रिसर्चर्स को मेटा (Meta) ने अपने यहां काम पर रखा। इसे लेकर अफवाहें भी शुरू हुई और एक अफवाह ये भी फैली कि इन्हें $10 करोड़ (करीब ₹855 करोड़) का बोनस मिला है। हालांकि इनमें से एक रिसर्चर लुकस बेयर (Lucas Beyer) ने इसका खंडन किया है।
क्या कहा OpenAI के पूर्व एंप्लॉयीज Lucas Beyer ने
लुकास बेयर ने X (पूर्व नाम Twitter) पर मेटा में जाने की बात स्वीकार की। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हे $10 करोड़ का बोनस नहीं मिला है, यह अफवाह है। उन्होंने आगे लिखा कि वह अपने कैरियर के अगले पड़ाव को लेकर काफी उत्साहित हैं और वादा किया कि आने वाले समय में वह और जानकारियां साझा करेंगे। बता दें कि मेटा ने लुकास बेयर के साथ-साथ ओपनएआई के ज्यूरिख में स्थित ऑफिस में काम करने वाले एलेग्जेंडर कोलेस्निकोव (Alexander Kolesnikov) और झियाहुआ झाई (Xiaohua Zhai) को भी अपने यहां जगह दी है।
AI War: कितनी तेज है एआई के दुनिया की लड़ाई?
हाल ही में ओपनएआई के सीईओ सैम आल्टमैन ने मेटा पर आरोप लगाया था कि वह ओपनएआई के एंप्लॉयीज को $10 करोड़ का बोनस देकर अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रही है। मेटा अभी एक सुपरइंटेलिजेंस टीम बनाने पर जोर दे रही है। इस खास ग्रुप का फोकस एक ऐसा आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) डेवलप करने पर रहेगा जो इंसानों जितना या उनसे भी बेहतर काम करने वाला एआई सिस्टम है। मेटा की कोशिश एआई के मामले में ओपनएआई और गूगल के साथ अपने अंतर को पाटने की है। इस साल की शुरुआत में मेटा ने स्केल एआई की 49% खरीदने के लिए एक सौदा किया और इसमें कंपनी ने $1.43 हजार करोड़ का निवेश किया। इसके अलावा मेटा ने स्केल एआई के 28 वर्षीय फाउंडर एलेग्जेंडर वांग को भी अपनी एआई महत्वाकांक्षाओं को मजबूत करने के लिए शामिल कर लिया।