
केंद्रीय मंत्रिमंडल स्पेक्ट्रम बकाया के मामले में एकबारगी छूट यानि वन टाइम वेवर की राहत दे सकता है। यह छूट 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रह सकती है। लेकिन यह छूट रक्षा, रेलवे और स्पेस जैसे सरकारी विभागों के लिए होगी। CNBCTV-18 के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों से पता चला है कि छूट पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs) या टेलिकॉम सेक्टर की प्राइवेट कंपनियों के लिए नहीं होगी। इसका मतलब है कि टेलिकॉम कंपनियों वोडाफोन आइडिया, एयरटेल, रिलायंस जियो, टाटा टेलीसर्विसेज को कोई राहत नहीं मिलेगी।
वैसे तो कैबिनेट की मीटिंग के बाद आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग में इस फैसले के बारे में कुछ नहीं बताया गया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रपोजल को मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। सूत्रों ने संकेत दिया है कि सरकारी विभागों पर स्पेक्ट्रम बकाए की राशि, ब्याज और जुर्माना समेत 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है।
कौन से मंत्रालय सबसे बड़े डिफॉल्टर्स में से एक
इसमें से ज्यादातर बकाया उस स्पेक्ट्रम के चलते है, जिसे डिफेंस कम्युनिकेशंस, सैटेलाइन ऑपरेशंस और रेलवे कम्युकिनेशंस जैसे अहम कामों लिए सरकारी एजेंसियों को सौंपा गया था। रक्षा मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, अंतरिक्ष मंत्रालय और रेलवे सबसे बड़े डिफॉल्टर्स में शामिल हैं। इनका कुछ स्पेक्ट्रम बकाया 2004 से ही पेंडिंग है। पिछले कुछ सालों में, लेट फीस और चक्रवृद्धि ब्याज के कारण बकाए का अमाउंट कई गुना बढ़ गया है।
5% ब्याज के साथ भरना होगा केवल प्रिंसिपल अमाउंट
इस प्रपोज्ड एकबारगी राहत का मकसद रक्षा, रेलवे और स्पेस जैसे सरकारी विभागों के लिए स्पेक्ट्रम बकाया पर जुर्माना और लगभग सभी इंट्रेस्ट चार्जेस को माफ करना है। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि नए फैसले के तहत सरकारी विभागों को लगभग 5% के ब्याज के साथ केवल प्रिंसिपल अमाउंट का पेमेंट करना होगा। बाकी बकाया राशि माफ कर दी जाएगी।