
IIT Bombay: देश से सबसे प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान IIT बॉम्बे से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। मंगलुरु के एक 22 वर्षीय युवक को कथित तौर पर एक स्टूडेंट के तौर पर लगभग तीन सप्ताह तक IIT-बॉम्बे कैंपस में अवैध रूप से रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान बिलाल अहमद तेली के रूप में हुई है। उसने कथित तौर पर बिना किसी वैलिड पहचान के संस्थान में प्रवेश किया और लगभग 20 दिनों तक लेक्चर अटेंड करके हॉस्टल के कमरों में रहा। सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि, वो 20 दिनों तक अपनी पहचान छिपाने में कामयाब रहा और किसी को उसकी भनक तक नहीं लगी।
कार्यक्रम में शामिल होने आया और 20 दिन तक कैंपस में करता रहा मौज
पुलिस के अनुसार, बिलाल अहमद पहली बार 27 मई को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कैंपस में दाखिल हुआ था। हालांकि, कार्यक्रम के बाद बाहर जाने के बजाय, वह दिन में कक्षाएं अटेंड करता रहा और रात में हॉस्टल की सुविधाओं का इस्तेमाल करता रहा, जबकि वह संस्थान में नामांकित नहीं था। इस मामले का खुलासा 17 जून को हुआ जब बिलाल एक लेक्चर के दौरान एक कक्षा में बैठा पाया गया। उसकी उपस्थिति से अन्य छात्रों को संदेह हुआ और बाद में उसे परिसर के अधिकारियों ने पकड़ लिया। पवई पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
जानकारी के मुताबिक, डिजिटल निशान छोड़े बिना बचने के प्रयास में बिलाल अहमद ने कथित तौर पर 21 अलग-अलग ईमेल आईडी बनाए और कई फोन नंबरों का इस्तेमाल किया। उसकी इन हरकतों ने भारत के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक, IIT-बॉम्बे में सेफ्टी प्रोटोकॉल के संबंध में गंभीर सवाल खड़े कर दिए है।
मुंबई क्राइम ब्रांच करेगी जांच
प्रारंभिक पूछताछ के बाद पवई पुलिस ने 21 जून को बिलाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। बुधवार को उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उसे 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। इस मामले को अब आगे की गहन जांच के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट को ट्रांसफर कर दिया गया है। बिलाल पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक विश्वासघात से संबंधित धाराएं शामिल हैं।
अधिकारियों ने अभी तक उसके ऐसा करने के पीछे के मकसद का खुलासा नहीं किया है और न ही यह बताया है कि क्या बिलाल ने क्या कभी पहले भी इसी तरह की हरकतें की थी। संस्थान और कानूनी एजेंसियां भविष्य में इस तरह के सुरक्षा उल्लंघनों को रोकने के लिए सेफ्टी उपायों की समीक्षा कर रही हैं।