
इनवेस्टर्स आम तौर पर निवेश करने में दो बातों का खास ख्याल रखते हैं। पहला, जिस ऑप्शन में वे इनवेस्ट कर रहे हैं, उसकी लिक्विडिटी कैसी है। लिक्विडिटी का मतलब यह है कि जरूरत पड़ने पर इस इनवेस्टमेंट ऑप्शन से पैसा कितना जल्द निकाला जा सकता है। दूसरा, उस इनवेस्टमेंट ऑप्शन पर कितना रिटर्न मिल सकता है।
कई लोग बैंक सेविंग्स अकाउंट्स (Savings Account) और फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) में पैसे डालना पसंद करते हैं। इसमें एक तो जरूरत पड़ने पर उन्हें अपना पैसा तुरंत मिल जाता है। दूसरा, इनमें पैसा डूबने का डर नहीं होता। दूसरी तरफ, कुछ इनवेस्टर्स शेयर्स और रियल एस्टेट में इनवेस्ट करना पंसद करते हैं, क्योंकि इनमें अच्छे रिटर्न की गुंजाइश होती है। लेकिन, जरूरत पड़ने पर तुरंत पैसे निकालने में दिक्कत आ सकती है।
एक स्मार्ट इनवेस्टर दोनों में से किसी एक ऑप्शन का इस्तेमाल करने की जगह दोनों के बीच बैलेंस बनाने की कोशिश करता है। वह अपने फाइनेंशियल गोल, इनवेस्मेंट की अवधि और रिस्क लेने की क्षमता के हिसाब से अपनी इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी तैयार करता है। इनवेस्टमेंट में कुछ बातों का खास ध्यान जरूरी है। इससे आपको अपने इनवेस्टमेंट पर अट्रैक्टिव रिटर्न मिलेगा। साथ ही जरूरत पड़ने पर आपका पैसा जल्द आपके हाथ में आ जाएगा।
1. रिस्क लेने की अपनी क्षमता को समझें
इनवेस्टमेंट में सबसे पहले हमें रिस्क लेने की अपनी क्षमता को समझ लेना चाहिए। हर इनवेस्टर की रिस्क लेने की कैपेसिटी अलग-अलग हो सकती है। आम तौर पर कम उम्र का इनवेस्टर ज्यादा रिस्क लेते हैं और जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, रिस्क लेने की क्षमता घटती जाती है। आपकी इनकम कितनी स्टेबल है। अगर किसी इनवेस्टर की इनकम स्टैबल है तो वह ज्यादा रिटर्न के लिए ज्यादा रिस्क ले सकता है। इनवेस्टर के पास इमर्जेंसी फंड होना जरूरी है। अगर उसके पास इमर्जेंसी फंड है तो वह ज्यादा रिस्क ले सकता है।
2. इनवेस्टमेंट गोल्स का रखें ध्यान
आपको अपने इनवेस्टमेंट के गोल्स को समझना जरूरी है। आपके कुछ लक्ष्य शॉर्ट टर्म यानी 1-2 साल के हो सकते हैं। ऐसे गोल के लिए आपको इनवेस्टमेंट के सुरतक्षित ऑप्शन में निवेश करना होगा। मीडियम टर्म गोल 3-7 साल के होते हैं। इसके लिए इक्विटी और डेट में इनवेस्ट किया जा सकता है। लंबी अवधि के गोल आम तौर पर 7 साल से ज्यादा समय के होते हैं।
यह भी पढ़ें: Stock Markets: शेयरों में इनवेस्ट करते हैं तो रामदेव अग्रवाल की यह सलाह जान लीजिए, नहीं होगा स्टॉक मार्केट में लॉस
3. इनवेस्टमेंट गोल्स के हिसाब से इनवेस्टमेंट ऑप्शंस
इनवेस्टमेंट गोल्स के हिसाब से इनवेस्टमेंट ऑप्शंस का चुनाव करना बहुत जरूरी है। जैसे रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए आप जिन इनवेस्टमें ऑप्शंस में निवेश कर सकते हैं, उनमें शॉर्ट टर्म या मीडियम टर्म गोल्स के लिए इनवेस्ट नहीं कर सकते। अगर आप रिटायरमेंट के लिए इनवेस्ट कर रहे हैं तो आप 60 फीसदी पैसा इक्विटी म्यूचुअल फंड्स या इंडेक्स फंड्स में लगा सकते हैं। 20 फीसदी पैसा पीपीएफ में इनवेस्ट कर सकते हैं।