
गोल्ड की उल्टी चाल से इनवेस्टर्स हैरान हैं। आम तौर जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने पर गोल्ड में उछाल आता है। लेकिन, 23 जून को गोल्ड में गिरावट देखने को मिली। उधर, इजराइल-ईरान की लड़ाई खतरनाक मोड़ ले रही है। 22 जून को इस लड़ाई में अमेरिका के कूदने के बाद यह लड़ाई गंभीर रूप ले सकती है। 23 जून को गोल्ड में देश और विदेश दोनों में गिरावट देखने को मिली। आइए जानते हैं कि इसकी क्या वजह हो सकती है।
देश और विदेश दोनों में गोल्ड फिसला
23 जून को स्पॉट गोल्ड (Spot Gold) 0.2 फीसदी गरकर 3,362.29 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा था। US Gold Futures भी 0.2 फीसदी की कमजोरी के साथ 3,378 पर आ गया। इंडिया में भी गोल्ड फ्यूचर्स पर दबाव देखने को मिला। कमोडिटी एक्सचेंज MCX में Gold Futures 79 रुपय यानी 0.08 फीसदी की कमजोरी के साथ 99,030 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चल रहा था। इरान-इजरायल युद्ध लगातार बढ़ रहा है। अब तो अमेरिका भी इस लड़ाई में कूद गया है। लेकिन, सोने की कीमतों में उछाल की जगह नरमी दिख रही है।
डॉलर में मजबूती से फिसला गोल्ड
केसीएम ट्रेड के एनालिस्ट टिम वाटरर ने कहा, “ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों से डॉलर में निवेश बढ़ा है। डॉलर मजबूत होने का असर गोल्ड पर पड़ा है। गोल्ड की चमक फीकी पड़ी है। इस वजह से जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने का बावजूद गोल्ड की कीमतें गिरी हैं।” दरअसल डॉलर मजबूत होने से दूसरे करेंसी में गोल्ड खरीदना महंगा हो जाता है। इंडिया में 24 कैरेट गोल्ड का भाव बगैर खास बदलाव के 1,00,690 डॉलर प्रति 10 ग्राम था। 22 कैरेट गोल्ड का भाव 92,300 प्रति 10 ग्राम था।
इस साल 30 फीसदी चढ़ा है गोल्ड
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड भले ही जियोपॉलिटिकल टेंशन की वजह से उछाल नहीं दिखा रहा है। लेकिन, 2025 में इसमें अच्छी तेजी देखने को मिली है। इस साल यह करीब 30 फीसदी तक उछला है। अप्रैल के आखिर में इसका भाव 3,500 डॉलर प्रति औंस तक चला गया था, जो इसका ऑल-टाइम हाई है। कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि गोल्ड की कीमतें जरूरत से ज्यादा बढ़ने के बाद सुस्ता रही हैं। शॉर्ट टर्म में गोल्ड में कंसॉलिडेशन दिख सकता है। इसका मतलब है कि इसकी कीमतों में सीमित दायरे में उतारचढ़ाव दिख सकता है।
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आपको क्या करना चाहिए?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड की कीमतों में उम्मीद के मुताबिक तेजी आने आने से निराश होने की जरूरत नहीं है। जिन्होंने रिकॉर्ड हाई के करीब गोल्ड में निवेश किया है, उन्हें अच्छे रिटर्न के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। अगर गोल्ड पर दबाव बढ़ता है तो भी बिकवाली करने की सलाह नहीं है। लॉन्ग टर्म में गोल्ड का आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है। अगर आप नया निवेश करना चाहते हैं तो हर गिरावट पर थोड़ी खरीदारी कर सकते हैं। जो लोग गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम में SIP से निवेश कर रहे हैं, उन्हें अपना निवेश जारी रखना चाहिए।