
Heavy Rain Alert : उमस वाली गर्मी झेल रहे दिल्ली वालों को सूकून भरी राहत मिली है। दिल्ली वालों को मानसून का बेसब्री से इंतजार और अब राजधानी में मानसून की एंट्री हो गई है। दिल्ली के साथ ही दक्षिण-पश्चिम मानसून ने आगे बढ़ते हुए पूरे देश को कवर कर लिया है। इस तरह मानसून ने 9 दिन पहले ही पूरे देश को कवर कर लिया है। देश में मानसून आने की संभावित तारीख 8 जुलाई होती है। हालांकि दिल्ली में पिछले साल मानसून एक दिन पहले 28 जून को आ गया था।
9 दिन पहले आया मनसून
आमतौर पर मानसून के पूरे देश में पहुंचने की तारीख 8 जुलाई मानी जाती है, लेकिन इस बार यह नौ दिन पहले ही, यानी 29 जून को पूरे भारत में पहुंच गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “मानसून 8 जुलाई की अपेक्षित तिथि के मुकाबले 29 जून को पूरे देश में पहुंच गया।” दिल्ली-एनसीआर के लोगों की रविवार की सुबह बादलों और हल्की बारिश के साथ शुरू हुई, जिससे उन्हें तपती गर्मी से बड़ी राहत मिली।
मौसम विभाग ने हिमाचल और उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं पंजाब, हरियाणा, वेस्ट यूपी के लिए ऑरेंज अलर्ट है। इसके साथ ही ओडिशा और झारखंड के लिए भी रेड अलर्ट है. वेस्ट बंगाल के लिए ऑरेंज अलर्ट है।
पूरे देश में छाया मानसून
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, मानसून रविवार को राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के बाकी हिस्सों तक भी पहुंच गया, जिससे अब पूरे देश में मानसून का आगमन हो चुका है। समय से पहले मानसून के आने से उत्तर भारत के राज्यों में खेती पर अच्छा असर पड़ने की उम्मीद है। मानसून के सक्रिय होते ही आने वाले दिनों में दिल्ली में मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने रविवार के लिए बादल छाए रहने, मध्यम बारिश और गरज के साथ बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली में होगी झमाझम बारिश
दिल्ली में अधिकतम तापमान करीब 35 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने रुक-रुक कर बारिश होने और कुछ जगहों पर तेज बारिश की भी संभावना जताई है। इस साल मानसून ने 24 मई को केरल में दस्तक दी थी, जो सामान्य से करीब एक हफ्ता पहले था। इसके बाद यह तेज़ी से उत्तर की ओर बढ़ा और 26 मई को मुंबई पहुंच गया — यह पिछले 25 वर्षों में मुंबई में सबसे जल्दी मानसून पहुंचने का रिकॉर्ड बना। हालांकि मानसून के आने से पहले ही मई के महीने में देश के कई हिस्सों में जोरदार प्री-मानसून बारिश देखने को मिली, जिसका कारण था पश्चिमी विक्षोभ (वेदर सिस्टम) की असामान्य बढ़ोतरी।