
Iran Israel War News Updates: ईरानी परमाणु कार्यक्रमों को रोकने के लिए इजरायल के हमलों में उसका साथ देते हुए अमेरिका की सेना ने रविवार (22 जून) तड़के ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर हमले किए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों की जानकारी देते हुए कहा कि ईरान के परमाणु केंद्र पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने जवाबी कार्रवाई की तो उसके खिलाफ और अधिक हमले किए जा सकते हैं।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका सटीकता, तीव्रता और कुशलता से ऐसे और अधिक केंद्रों को निशाना बना सकता है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में देखी गई त्रासदी से कहीं अधिक घातक होगी।”
उधर ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु केंद्रों पर हमलों की पुष्टि की और जोर देकर कहा कि अपने दुश्मनों की बुरी साजिशों के बावजूद वह अपने हजारों क्रांतिकारी और प्रतिबद्ध वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों के प्रयासों से उठ खड़ा होगा। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी सेना ने ईरान में पर्वतीय क्षेत्र में बनाए गए फोर्दो परमाणु प्लांट पर बंकर-बस्टर बमों का से हमला किया।
करीब 30,000 पाउंड वजनी बंकर-बस्टिंग अमेरिकी बम को GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर के रूप में जाना जाता है। इसका इस्तेमाल जमीन के भीतर लक्ष्य को भेदने और विस्फोट में किया जाता है। एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने भी नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि अमेरिकी पनडुब्बियों ने भी ईरान में हमलों में भाग लिया। इस दौरान जमीनी हमला करने में सक्षम लगभग 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागीं।
फोर्दो के अलावा इस्फहान और नतांज, दो ईरानी परमाणु केंद्रों पर भी हमला किया गया। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “हमने ईरान के परमाणु केंद्रों फोर्दो, इस्फहान, नतांज पर सफलतापूर्वक हमले किए।” उन्होंने कहा कि इन केंद्रों को निशाना बनाने के बाद सारे विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर आ चुके हैं।
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका के अलावा दुनिया की कोई भी सेना इस तरह के हमले को अंजाम नहीं दे सकती थी। ट्रंप ने ईरान को पश्चिम एशिया में दादागिरी करने वाला देश बताया। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर वह शांति का मार्ग नहीं अपनाता है तो अमेरिका और भी हमले कर सकता है।
ईरान के प्रमुख न्यूक्लियर साइट के बारे में जानें डिटेल्स
– पवित्र ईरानी सिटी कोम के पास पहाड़ों के नीचे स्थित फोर्डो प्लांट सबसे मजबूत और सिक्रेट न्यूक्लियर फैसिलिटी में से एक है। इसका अधिकांश इंफ्रास्ट्रक्चर जमीन के काफी अंदर है। CNN ने इजरायली खुफिया दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि इस न्यूक्लियर प्लांट के मुख्य हॉल 80 से 90 मीटर (262 से 295 फीट तक) अंडरग्राउंड होने का अनुमान है। एक्सपर्ट की मानें तो इसकी गहराई और किलेबंदी के कारण ऐसा माना जाता है कि केवल अमेरिकी सेना ही इस साइट पर प्रभावी ढंग से हमला कर सकती है। एक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि ईरान ने फोर्डो में यूरेनियम इनरिचमेंट को 60% तक बढ़ा दिया है। इस प्लांट में अब लगभग 2,700 सेंट्रीफ्यूज हैं।
– ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 250 किलोमीटर (155 मील) दूर दक्षिण में स्थित नतांज को सबसे महत्वपूर्ण यूरेनियम इनरिचमेंट साइट माना जाता है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्लांट का इस्तेमाल मुख्य रूप से सेंट्रीफ्यूज को विकसित करने और इकट्ठा करने के लिए किया जाता है। नतांज कैंपस में कई ओवरग्राउंड और अंडरग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव (NTI) की रिपोर्ट अनुसार, इनमें से दो अंडरग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर 50,000 सेंट्रीफ्यूज तक रखने में सक्षम हैं।
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– मध्य ईरान में स्थित इस्फहान न्यूक्लियर फैसिलिटी को व्यापक रूप से परमाणु कार्यक्रम के भीतर सबसे बड़ा और सबसे सुरक्षित रिसर्च सेंटर माना जाता है। चीन की सहायता से साल 1984 में स्थापित इस प्लांट में लगभग 3,000 वैज्ञानिक काम करते हैं। न्यक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव (NTI) इस्फहान को सबसे शानदार रिसर्च रिएक्टर करार दिया है। इसकी व्यापक क्षमताएं इसे ईरान के परमाणु ठिकानों का एक महत्वपूर्ण अंगर बनाती हैं। इंटरनेशनल कम्यूनिटी के लिए यह रणनीतिक चिंता का विषय बनी हुई है।