
Jammu and Kashmir Tourism Hub: पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन बढ़ने लगा है। सस्ती यात्रा और बेहतर कनेक्टिविटी से पर्यटक फिर से घाटी आ आने लगे हैं। 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले के बाद पहलगाम में पर्यटन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। लेकिन ‘धरती का स्वर्ग’ कही जाने वाली इस खूबसूरत घाटी में पर्यटकों का जमावड़ा फिर से शुरू हो गया है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने के लिए उनके और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए प्रयासों के परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटक घाटी में लौट रहे हैं।
अब्दुल्ला ने पहलगाम में पर्यटन को फिर से बहाल करने के प्रयासों पर संतोष जताते हुए X पर एक पोस्ट में कहा, “पिछली बार जब मैं पहलगाम गया था, तो मैंने एक ऐसे बाजार में साइकिल चलाई थी जो लगभग सुनसान था। आज, मैं पहलगाम में वापस आया तो वहां चहल-पहल है।”
उन्होंने कहा कि देशभर के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक यहां आए हैं। उनके साथ ही स्थानीय पर्यटक भी ठंड और बारिश के मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा, “यह देखकर बहुत संतोष हो रहा है कि मेरे सहकर्मियों और मेरे द्वारा किए गए प्रयासों के परिणाम धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम चाहते हैं कि क्षेत्र पर्यटन, विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन के लिए एक केंद्र के रूप में विकसित हो, जो स्थानीय समुदायों के जीवन को बदल देगा।” उन्होंने ईरान में पढ़ाई कर रहे जम्मू-कश्मीर के छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को धन्यवाद दिया। सीएम ने परिवारों को आश्वस्त किया कि सरकार विदेश में छात्रों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
पिछले साल सरकार ने कहा था कि रिकॉर्ड करीब 23,600,000 पर्यटक जम्मू-कश्मीर गए थे। इनमें से करीब 3,490,000 पर्यटक घाटी में घूमने गए थे। पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि 2025 के लिए पर्यटकों की संख्या का अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि एक महीने पहले की तुलना में पर्यटकों की संख्या में गिरावट काफी कम हो जाएगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल की तुलना में जून में हवाई किराए में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस वजह से बुकिंग में 30 प्रतिशत की कमी आई है। मध्य मई की तुलना में किराए में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन बुकिंग में 30 फीसदी की कमी बनी हुई है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि अप्रैल के बाद उम्मीद थी कि कश्मीर में मौजूदा गर्मी के मौसम के लिए पर्यटन खत्म हो गया है। ऐसा लग रहा था कि लोगों को अगले साल का इंतजार करना चाहिए। हालांकि, अब हम देखते हैं कि यह भावना बहुत तेजी से बदल रही है।
बता दें कि पर्यटन जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। हाल ही में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकवादी हमले ने पूरे भारत में हड़कंप मचा दिया है। इस हमले के बाद सरकार ने घाटी में 48 पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया था। उनमें से दो-तिहाई अभी भी बंद हैं। हालांकि, अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में कई और पर्यटन स्थल खुल जाएंगे।