
Kedarnath Yatra: हाल ही में अहमदाबाद में हुए प्लेन हादसे से लोग अभी उबरे ही थे कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में एक हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। रविवार को केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें एक ही परिवार के तीन लोगों सहित कुल सात लोगों की मौत हो गई। इस हादसे ने एकबार फिर पूरे देश को झकझोर के रख दिया है। केदारनाथ से गुप्तकाशी जा रहा यह चॉपर खराब मौसम की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे के बाद चार धाम यात्रा के दौरान हवाई सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
हेलिकॉप्टर से केदारनाथ धाम की यात्रा करना सुलभ है लेकिन हाल ही में हुए हादसों ने श्रद्धालुओं के मन में इसके प्रति डर बैठा दिया है। वैसे हेलिकॉप्टर के अलावा चार धाम यात्रा के लिए गौरीकुंड से यात्रा करने के अन्य साधन भी उपलब्ध हैं। आइए आपको बताते हैं कैसे हो सकती है आपकी यात्रा आसान।
केदारनाथ यात्रा के लिए कैसे पहुंचे?
केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्री आमतौर पर अपनी यात्रा हरिद्वार या ऋषिकेश से शुरू करते हैं, सड़क या रेल मार्ग से गौरीकुंड तक जाते हैं जो किसी भी तरह की गाड़ी के जाने का अंतिम पॉइंट है। जो लोग हवाई मार्ग से आते हैं, वे देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर उतर सकते हैं, जहां से टैक्सी और बसें सोनप्रयाग तक जाती हैं। सोनप्रयाग से एक छोटी जीप की सवारी गौरीकुंड तक ले जाती है, जो केदारनाथ की ट्रेकिंग की शुरुआत का बिंदु है।
पैदल ट्रेकिंग का सबसे सुलभ मार्ग
एक बार जब आप गौरीकुंड पहुंच जाते हैं, तो केदारनाथ तक पहुंचने का सबसे सुलभ रास्ता 16-18 किमी की चढ़ाई वाली ट्रेक है। हालांकि रास्ता कुछ हिस्सों में खड़ी चढ़ाई वाला है, लेकिन यह अच्छी तरह से बना हुआ है और इसमें आराम करने के शेल्टर, खाने के स्टॉल और मेडिकल हेल्प टेंट जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। एक हेल्दी व्यक्ति को इस चढ़ाई में आमतौर पर 6 से 8 घंटे लगते हैं।
ट्रेक नहीं करना चाहते तो ये ऑप्शन है बेस्ट
जो तीर्थयात्री पूरी दूरी पैदल ट्रेक नहीं करना चाहते है उनके लिए कई ऑप्शन उपलब्ध हैं:
घोड़े/खच्चर: जिन्हें पैदल चलने से बचना है उनके लिए ये अच्छा ऑप्शन है।
पालकी (डोली): इसे चार कहार इसे उठाते हैं, जो बुजुर्गों या चलने-फिरने में समस्या वाले लोगों के लिए बेस्ट ऑप्शन है।
पिट्ठू (पोर्टर): बच्चों या सामान को ले जाने में मदद के लिए उपलब्ध होते हैं।
ये सभी सेवाएं उत्तराखंड सरकार द्वारा रेगुलेट होती हैं और गौरीकुंड में इसकी बुकिंग की जा सकती हैं।
यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के लिए कुछ जरूरी सुझाव
अपनी यात्रा को सुरक्षित और सुखद बनाने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण सुझाव:
जल्दी ट्रेक शुरू करें: दोपहर में मौसम की गड़बड़ी से बचने के लिए अपनी ट्रेक सुबह जल्दी, आदर्श रूप से सुबह 5:00 बजे से पहले, शुरू करें।
कपड़े और सामान: गर्म कपड़ों की कई लेयर पहनें, एक रेनकोट साथ रखें और एनर्जी ड्रिंक्स और स्नैक्स साथ में लिए रहें।
मोबाइल नेटवर्क: मार्ग में मोबाइल नेटवर्क में दिक्कत हो सकती है, इसलिए आवश्यक कॉन्टैक्ट नंबरों को लिखकर रखें।
मेडिकल हेल्प: यात्रा के दौरान रास्ते में कई पॉइंट्स पर बुनियादी मेडिकल सहायता उपलब्ध है।