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Market Outlook: इस हफ्ते बाजार में तेजी रहेगी या गिरावट, ट्रंप टैरिफ समेत ये 10 बड़े फैक्टर करेंगे तय

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Market Outlook: 11 जुलाई को समाप्त सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों पर लगातार दूसरे हफ्ते बिकवाली का दबाव रहा। निफ्टी और सेंसेक्स में 1% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। इसकी बड़ी वजह ग्लोबल ट्रेड टेंशन, जून तिमाही के कमजोर नतीजों की शुरुआत और भारत-अमेरिका ट्रेड डील में देरी रही।

विदेशी निवेशकों (FIIs) ने बिकवाली जारी रखी, जिससे बाजार में सेंटीमेंट कमजोर हुआ। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की लगातार खरीदारी, अच्छा मॉनसून, घटती ब्याज दरें और कम होती महंगाई ने बाजार को कुछ हद तक सहारा दिया।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में रिसर्च के हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि ट्रेड डील से जुड़ी अनिश्चितता बाजार को कंसोलिडेशन मोड में रख सकती है। निवेशक अब CPI और WPI महंगाई डेटा, Q1 के नतीजों और भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर नजर रखेंगे।

वहीं, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में रिसर्च हेड विनोद नायर के मुताबिक, Q1FY26 के नतीजों के दौरान निवेशक खासकर मार्जिन गाइडेंस और सेक्टरल ट्रेंड पर बारीकी से नजर रखेंगे। यही फैक्टर बाजार में सेंटीमेंट को दोबारा मजबूत कर सकते हैं।

आइए जानते हैं उन 10 अहम फैक्टर के बारे में, जो आने वाले कारोबारी हफ्ते में शेयर बाजार की दिशा और दशा तय करेंगे।

कंपनियों के तिमाही नतीजे

अगले हफ्ते कॉर्पोरेट नतीजों का प्रवाह और तेज होगा। बीते सप्ताह कुछ कंपनियों ने तिमाही नतीजे जारी किए थे, लेकिन अब 125 से ज्यादा कंपनियां अपनी कमाई रिपोर्ट पेश करेंगी। इनमें कई निफ्टी-50 की दिग्गज कंपनियां भी शामिल हैं, जिनका इंडेक्स पर कुल वेटेज 32% से ज्यादा है। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, HDFC बैंक, ICICI बैंक, एक्सिस बैंक, HCL टेक्नोलॉजीज, HDFC लाइफ, टेक महिंद्रा, जिओ फाइनेंशियल सर्विसेज, विप्रो JSW स्टील शामिल हैं।

साथ ही, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, टाटा टेक्नोलॉजीज, एंजेल वन, पॉलीकैब इंडिया, टाटा कम्युनिकेशंस, बंधन बैंक, एलएंडटी फाइनेंस और इंडिया सीमेंट्स भी अगले हफ्ते अपने नतीजे पेश करेंगी। नई लिस्टेड कंपनियां जैसे संभव स्टील ट्यूब्स, HDB फाइनेंशियल सर्विसेज और कल्पतरु भी जून तिमाही के नतीजे घोषित करेंगी।

बीते हफ्ते, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने कमजोर तिमाही नतीजों के साथ अर्निंग सीजन की शुरुआत की थी, जिससे बाजार का मूड थोड़ा सतर्क हो गया है।

ट्रंप टैरिफ का असर

ग्लोबल लेवल पर बाजार की निगाह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ घोषणाओं पर रहेगी। बीते हफ्ते उन्होंने कई ट्रेड पार्टनर्स पर शुल्क लगाने की घोषणा की, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक माहौल में सतर्कता बढ़ गई है। भारत-अमेरिका ट्रेड डील में देरी ने भी बाजार में चिंता पैदा की है। कई स्रोतों को उम्मीद थी कि 9 जुलाई से पहले एक मिनी ट्रेड डील हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

बीते सप्ताह ट्रंप ने घोषणा की कि 1 अगस्त से मैक्सिको और यूरोपीय यूनियन से आयातित वस्तुओं पर 30% नया टैरिफ लागू होगा। इसके पीछे वार्ता विफल होने की वजह बताई गई। ट्रंप ने चेतावनी भी दी है कि अगर दोनों देशों ने जवाबी कार्रवाई की, तो टैरिफ और बढ़ाया जा सकता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन दोनों देशों की हिस्सेदारी अमेरिका के कुल आयात में एक-तिहाई के करीब है।

इससे पहले ट्रंप ने कनाडा से आयात पर 35% और ब्राजील से आयात पर 50% टैरिफ लगाने का एलान किया था। इसके अलावा उन्होंने मौजूदा 10% टैरिफ को बढ़ाकर 15-20% करने के संकेत भी दिए, जिससे निवेशक और सतर्क हो गए हैं।

अमेरिकी महंगाई डेटा

अगले हफ्ते बाजार की नजर अमेरिका से आने वाले महंगाई आंकड़ों पर रहेगी। जून में अमेरिकी महंगाई दर मई की 2.4% के मुकाबले थोड़ी ज्यादा रह सकती है। ट्रंप द्वारा हाल ही में कई बड़े व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ बढ़ाने और फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की पिछली बैठक के मिनट्स से संकेत मिला है कि अमेरिका में टैरिफ आधारित महंगाई दबाव बढ़ सकता है।

इसके अलावा अमेरिका से प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI), रिटेल सेल्स और साप्ताहिक जॉब डेटा पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।

वैश्विक आर्थिक आंकड़े

व्यापार से जुड़ी गतिविधियों और अमेरिकी महंगाई के अलावा, चीन के अप्रैल-जून तिमाही GDP, रिटेल बिक्री और बेरोजगारी दर पर भी नजर रहेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार चीन की GDP दर पिछली तिमाही की 5.4% के मुकाबले थोड़ी कम रह सकती है।

इसके साथ ही जापान और यूरो जोन से भी जून महीने की महंगाई दर के आंकड़े सामने आएंगे, जो वैश्विक आर्थिक ट्रेंड्स को लेकर बाजार की धारणा को प्रभावित कर सकते हैं।

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घरेलू आर्थिक आंकड़े

भारतीय बाजारों की नजर जून महीने के रिटेल और थोक महंगाई दर (WPI) के आंकड़ों पर रहेगी, जो 14 जुलाई को घोषित होने हैं। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि रिटेल महंगाई दर गिरकर 2.5–2.7% के आसपास आ सकती है, जो मई में 2.82% थी। अगर ऐसा होता है, तो यह लगातार आठवां महीना होगा जब रिटेल महंगाई में गिरावट आई है। हालांकि, जून के लिए थोक महंगाई में कुछ बढ़त देखी जा सकती है, जो मई में 0.39% रही थी।

इनके अलावा 15 जुलाई को जून महीने का ट्रेड बैलेंस और पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री के आंकड़े भी जारी होंगे। वहीं, 18 जुलाई को बैंक लोन व डिपॉजिट ग्रोथ (4 जुलाई को खत्म पखवाड़े तक) और विदेशी मुद्रा भंडार (11 जुलाई को खत्म सप्ताह तक) के डेटा जारी होंगे।

अगले हफ्ते भी विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की गतिविधियां बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी। हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की मजबूत खरीदारी का सपोर्ट बाजार को मिलता रहा है। जुलाई के दूसरे हफ्ते में भी FIIs नेट सेलर रहे और उन्होंने ₹4,511 करोड़ की बिकवाली की। बाजार में ऊंचे वैल्यूएशन को इसकी प्रमुख वजह माना जा रहा है, जिससे FIIs सस्ते बाजारों की ओर शिफ्ट हो रहे हैं।

इस दौरान, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 40 महीने के निचले स्तर से उबरकर बीते हफ्ते 0.91% चढ़कर 97.87 पर बंद हुआ। यह ट्रंप के टैरिफ ऐलान से पैदा हुई अनिश्चितता के चलते सेफ हेवन डिमांड में आया उछाल था। इसके उलट भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले और कमजोर होकर 0.38% गिरावट के साथ 85.7750 पर बंद हुआ।

IPO मार्केट का हाल

अगले हफ्ते प्राइमरी मार्केट की रफ्तार थोड़ी धीमी रह सकती है। इस दौरान तीन नए पब्लिक इश्यू खुलेंगे, जिनमें से एक मेनबोर्ड का है और बाकी दो SME सेगमेंट के। Anthem Biosciences का ₹3,395 करोड़ का मेनबोर्ड IPO 14 से 16 जुलाई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। वहीं, SME सेगमेंट में Spunweb Nonwoven का ₹61 करोड़ का IPO 14 जुलाई को खुलेगा। Monika Alcobev का ₹165.6 करोड़ का SME IPO 16 जुलाई से खुलेगा। दोनों इश्यू इसी हफ्ते बंद होंगे।

इसके अलावा, Smartworks Coworking Spaces का ₹583 करोड़ का IPO 14 जुलाई को बंद होगा। इसे अब तक 1.15 गुना सब्सक्रिप्शन मिल चुका है।

लिस्टिंग फ्रंट पर की बात करें, तो Travel Food Services 14 जुलाई को शेयर बाजार में डेब्यू करेगा। इसके बाद Smartworks Coworking Spaces 17 जुलाई को लिस्ट होगा। वहीं, SME सेगमेंट में Smarten Power Systems और Chemkart India की लिस्टिंग 14 जुलाई को होगी। Glen Industries 15 जुलाई और Asston Pharmaceuticals 16 जुलाई को बाजार में एंट्री करेंगी।

टेक्निकल व्यू

तकनीकी रूप से बाजार कमजोर दिख रहा है, क्योंकि निफ्टी 50 ने 10 और 20-दिन की मूविंग एवरेज (EMA) के साथ-साथ बॉलींजर बैंड्स (Bollinger Bands) की मिडलाइन को भी नीचे तोड़ दिया है। इसके अलावा, मोमेंटम इंडिकेटर्स में भी कमजोरी देखने को मिल रही है। इसलिए जानकारों का मानना है कि जब तक निफ्टी 25,300 के नीचे बना रहता है, तब तक कंसोलिडेशन का दौर अगले हफ्ते भी जारी रह सकता है।

अब नजर 24,900–24,800 के जोन पर रहेगी, जो 10-सप्ताह की EMA और पिछली बड़ी बुलिश कैंडल का लो है। अगर यह स्तर टूटता है, तो बाजार में बिकवाली तेज हो सकती है और इंडेक्स 24,700 तक जा सकता है। दूसरी ओर, अगर निफ्टी 25,300 के ऊपर ठहरता है, तो फिर एक नई तेजी शुरू हो सकती है।

वीकली ऑप्शन डेटा के अनुसार, निकट भविष्य में निफ्टी 50 का ट्रेंड 24,800 से 25,300 के बीच रह सकता है, जबकि व्यापक दायरा 24,500 से 25,500 का दिख रहा है।

Call साइड: सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 25,500 के स्ट्राइक पर देखा गया, उसके बाद 26,000 और 25,300 पर। सबसे ज्यादा कॉल राइटिंग 25,300 पर हुई है, उसके बाद 25,200 और 26,000 पर।

Put साइड: सबसे ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 25,000 पर दिखा, उसके बाद 25,200 और 24,500 पर। सबसे ज्यादा पुट राइटिंग 25,000 पर है, उसके बाद 24,800 और 25,200 पर।

India VIX यानी बाजार के “डर” को बताने वाला इंडेक्स लगातार चौथे हफ्ते गिरा है। यह अप्रैल 2024 के बाद के सबसे निचले स्तर 11.82 पर बंद हुआ है। बीते हफ्ते इसमें 4.04% की गिरावट रही, जो बाजार में स्थिरता और कम वोलैटिलिटी का संकेत देता है।

कॉरपोरेट एक्शन

अगले हफ्ते होने वाले कई कंपनियों में कॉर्पोरेट एक्शन दिखेंगे। (देखें चार्ट)

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