
NEET PG 2025 Exam: सुप्रीम कोर्ट नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट (NEET–PG) परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर अगले महीने सुनवाई करेगा। खासकर NEET PG आसंर की जारी करने और मूल्यांकन प्रोटोकॉल के संबंध में चिंता जताने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए तीन अगस्त की तारीख तय की है। जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की पीठ ने इन मुद्दों पर दायर याचिकाओं पर संक्षिप्त सुनवाई की।
सीनियर वकील तन्वी दुबे के माध्यम से दायर एक याचिका में मूल्यांकन सिस्टम की कथित अपारदर्शी व्यवस्था को चुनौती दी गई है। इसमें नीट-पीजी आयोजित करने के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) को कई निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में अभ्यर्थियों को क्वेश्चन पेपर और आंसर की जारी करने एवं मूल्यांकन के अनुसार सही और गलत सवालों का खुलासा करने की मांग की गई है। इसमें अंकों में विसंगतियों के मामलों में पुनर्मूल्यांकन या पुनर्जांच के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है।
याचिका में अभ्यर्थियों को विवादित सवालों या जवाबों को चुनौती देने में सक्षम बनाने और वर्तमान एवं भविष्य की नीट-पीजी परीक्षाओं के लिए पारदर्शी मूल्यांकन सिस्टम स्थापित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
इस बीच, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंस (NBEMS) ने नीट पीजी के लिए एक नोटिफिकेशन जारी की है। जारी की गई एडवाइजरी में छात्रों को बोर्ड के नाम से वायरल फर्जी नोटिस, फर्जी ईमेल, एसएमएस और सोशल मीडिया पर भ्रामक कंटेंट से सावधान रहने की सलाह दी गई है।
एडवाइजरी में छात्रों को सलाह दी गई है कि वे कोर्स या एग्जाम से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए केवल NBEMS की आधिकारिक वेबसाइट देखें। इसके अलावा WhatsApp चैनल के माध्यम से संचालित बोर्ड के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के संबंध में भी स्पष्टीकरण दिया गया है।
NBEMS ने स्पष्ट किया है कि वह अच्छे मार्क प्राप्त करने या अपनी परीक्षाओं में सहायता प्रदान करने से संबंधित कोई भी ईमेल या मैसेज नहीं भेजता है। सभी आधिकारिक अपडेट केवल एनबीईएमएस की वेबसाइट – natboard.edu.in – पर प्रकाशित की जाती हैं। इसलिए उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे प्राप्त होने वाली किसी भी जानकारी की दोबारा जांच कर लें।