
इलेक्ट्रिक टूव्हीलर मेकर ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही यानि अप्रैल-जून में लगभग 60,000 यूनिट रही। कंपनी के प्रदर्शन पर नजर रखने वाले सूत्रों का कहना है कि जून महीने में ओला इलेक्ट्रिक के टूव्हीलर्स का रजिस्ट्रेशन मंथली बेसिस पर 9 प्रतिशत बढ़ा है। व्हीकल रजिस्ट्रेशन में यह बढ़ोतरी इस बात का संकेत देती है कि ओला इलेक्ट्रिक मार्च तिमाही की सुस्ती से उबर रही है। उम्मीद है कि जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही में मांग में लगातार सुधार होगा।
कंपनी को तिमाही आधार पर रेवेन्यू में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक सूत्र ने कहा, ‘‘तेलंगाना में डिलीवरी और जनवरी-मार्च 2025 से पेंडिंग बैकलॉग के क्लीयरेंस को ध्यान में रखते हुए उम्मीद है कि अप्रैल-जून 2025 तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक की डिलीवरी का आंकड़ा 65,000 टूव्हीलर्स से ज्यादा होगा।’’
रेवेन्यू गाइडेंस को आसानी से पूरा करने की राह पर
सूत्र ने कहा कि इस मजबूत प्रदर्शन से कंपनी तिमाही के लिए 800-850 करोड़ रुपये के अपने रेवेन्यू गाइडेंस को आसानी से पूरा करने की राह पर है। बिक्री और रेवेन्यू में बढ़ोतरी के साथ-साथ ग्रॉस मार्जिन में सुधार कंपनी के लिए शुभ संकेत हैं। वित्त वर्ष 2025 में Ola Electric ने 3,59,221 इलेक्ट्रिक स्कूटरों की डिलीवरी की। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने 3,29,549 स्कूटर डिलीवर किए थे। कंपनी ने 4000+ टचपॉइंट्स तक विस्तार कर लिया है।
6 महीनों में आधा हुआ Ola Electric शेयर
2 जुलाई को कंपनी का शेयर 2.4 प्रतिशत गिरावट के साथ 41.02 रुपये पर बंद हुआ। 3 जुलाई को हो सकता है कि शेयर में तेजी दिखे। ओला इलेक्ट्रिक का मार्केट कैप 18000 करोड़ रुपये है। शेयर बीएसई पर अपने रिकॉर्ड हाई 157.53 रुपये से 74 प्रतिशत नीचे चल रहा है। शेयर की कीमत 6 महीनों में आधी हो चुकी है। एक महीनें में कीमत 23 प्रतिशत नीचे आई है। कंपनी में मार्च 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 36.78 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। ओला इलेक्ट्रिक के शेयर को NIFTY MIDCAP 150 इंडेक्स में शामिल किया गया है। कंपनी 9 अगस्त 2024 को शेयर बाजारों में लिस्ट हुई थी। इसका IPO 4.45 गुना भरा था।
मार्च तिमाही में घाटा 109 प्रतिशत बढ़ा
Ola Electric का जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में कंसोलिडटेड बेसिस पर शुद्ध घाटा एक साल पहले से 109 प्रतिशत बढ़कर 870 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले यह 416 करोड़ रुपये था। ऑपरेशंस से कंसोलिडटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 59.4 प्रतिशत घटकर 611 करोड़ रुपये रह गया। मार्च 2024 तिमाही में यह 1,508 करोड़ रुपये था। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान कंपनी ने 2276 करोड़ रुपये का शुद्ध कंसोलिडेटेड घाटा देखा, जबकि एक साल पहले यह 1584 करोड़ रुपये था। ऑपरेशंस से कंसोलिडटेड रेवेन्यू घटकर 4514 करोड़ रुपये रह गया, जो वित्त वर्ष 2024 में 5010 करोड़ रुपये था।
ब्रोकरेज को शेयर से क्या उम्मीद
ओला इलेक्ट्रिक के मार्च तिमाही के नतीजे जारी होने के बाद मई महीने में कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने शेयर की रेटिंग को ‘रिड्यूस’ से कम करके ‘सेल’ कर दिया था। प्राइस टारगेट भी घटाकर 50 से 30 रुपये प्रति शेयर कर दिया था। ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी का EBITDA लॉस जारी रहेगा और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। गोल्डमैन सैक्स ने ओला इलेक्ट्रिक शेयर के लिए ‘बाय’ कॉल दी है और टारगेट प्राइस 70 रुपये प्रति शेयर रखा है।
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