
Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 12 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक बहुत ही बड़ी सफलता हासिल हुई है। NIA ने इस घातक आतंकी हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी और 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। NIA के अनुसार, बटकोट के परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के हिल पार्क के बशीर अहमद जोथर ने हमले में शामिल तीन हथियारबंद आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कहा कि उन्होंने यह पुष्टि भी की है कि हमलावर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक NIA ने कहा, “परवेज और बशीर ने हमले से पहले तीन हथियारबंद आतंकवादियों को हिल पार्क में ढोक (झोपड़ी) में पनाह दी थी।”
राष्ट्रीय एजेंसी के अनुसार दोनों लोगों ने आतंकवादियों को खाना, आश्रय और उन्हें लाने ले जाने में सहायता प्रदान की थी। इन आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पर्यटकों से उनका धर्म पूछने के बाद हत्या कर दी थी। NIA ने दोनों को गिरफ्तार कर मामले में आगे की जांच कर रही है। एजेंसी ने कहा कि कहा कि मामले में अभी जांच जारी है। जैसे ही कुछ अपडेट आएगा आपको जानकारी दी जाएगी।
पहलगाम आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के एक अधिकारी समेत 26 लोगों को उनकी पत्नियों के सामने मार दिया गया था। भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद सख्त जवाबी करते हुए 6 मई की देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pok) में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा कि सैन्य हमले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत किए गए। इसमें कहा गया है कि भारतीय सशस्त्र बलों की कार्रवाई केंद्रित और नपी-तुली थी।
अधिकारियों ने बताया कि जिन 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया उनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय शामिल है। ये दोनों पाकिस्तान के पंजाब में हैं। लाहौर से थोड़ी दूरी पर स्थित मुरीदके, एक विशाल मरकज यानी लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा है और बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य गढ़ है।
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मामले से परिचित लोगों ने बताया कि अन्य टारगेट कोटली और मुजफ्फराबाद पीओके के क्षेत्र हैं जहां लश्कर और जैश दोनों के लंबे समय से आतंकी शिविर और ट्रेनिंग सुविधाएं हैं। भारत की इस सैन्य कार्रवाई के नाम में “सिंदूर” को जोड़ने का एक संदर्भ यह है कि भारतीय परंपरा में विवाहित महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं और इसे उनके सुहागन होने का एक प्रतीक माना जाता है।