
Iran-Israel War : मिडिल ईस्ट की जंग अब अपने सबसे खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष का आज 10वां दिन है। ईरान और इजराइल की जंग में अब अमेरिका भी कूद चुका है और उलने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट – फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया है। मिडनाइट हैमर अभियान के तहत हमले में 14 बंकर-बस्टर बम, दो दर्जन से अधिक टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें और 125 से अधिक अमेरिकी सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया गया। वहीं इस हमले के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी भी अफवाहें भी उड़ने लगी कि अमेरिकी विमानों ने ईरान पर बम गिराने के लिए भारत के एयर स्पेस का इस्तेमाल किया गया। अब PIB ने अफवाहों की पूरी सच्चाई बताई है।
PIB ने बताई अफवाहों की पूरी सच्चाई
बता दें कि सोशल मीडिया पर कई अकाउंट्स यह दावा कर रहे हैं कि अमेरिका ने ईरान पर हमला करने के लिए भारत के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया था। लेकिन ये दावा पूरी तरह से फर्ज़ी है। भारत सरकार की ओर से प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने साफ किया है कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के दौरान अमेरिका ने भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं किया। इस तरह के गलत और भ्रामक दावों पर भरोसा न करें। प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो ने फेक्ट चेक कर सोशल मीडिया पर हो रहे ऐसे तमाम दावों को फर्जी बताया है।
अमेरिका ने ईरान के खिलाफ शनिवार देर रात जो ऑपरेशन किया उसका नाम ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ रखा। इस ऑपरेशन में महज 25 मिनट में ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह हमले 7 B-2 बॉम्बर्स से किए गए, जिनमें 12 भारी बम गिराए गए। इस हमले के बारे में व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन ने दी। व्हाइट हाउस ने बताया कि, यह हमले 7 B-2 बॉम्बर्स से किए गए, जिनमें 12 भारी बम गिराए गए। इस बेहद गोपनीय सैन्य मिशन में 125 से ज्यादा विमान शामिल थे और एक खास ‘डिसेप्शन’ की रणनीति भी अपनाई गई थी। ईरान के स्थानीय समयानुसार रात 2:10 बजे एक अमेरिकी B2 स्टील्थ बॉम्बर ने ईरान के फोर्डो इलाके में स्थित एक परमाणु ठिकाने पर पहला हमला किया। इस हमले में GBU-57 MOP (मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर) बम का इस्तेमाल किया गया।