
Tesla Model Y in India: एलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला ने आखिरकार भारतीय बाजार में आधिकारिक तौर पर एंट्री कर ली है। टेस्ला ने अपने ‘Model Y’ कार को भारतीय बाजार में लॉन्च किया है। इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 59.89 लाख रुपये रखी गई है। यह कार सिर्फ रियर-व्हील-ड्राइव (RWD) वर्जन में उपलब्ध है, और इसका लॉन्ग-रेंज वेरिएंट 68 लाख रुपये में मिलेगा। इसके साथ ही टेस्ला ने मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में अपना पहला भारतीय शोरूम खोलने का भी ऐलान किया है।
भारत में इतनी कीमत क्यों?
भारत में टेस्ला की Model Y की कीमतें विदेशी बाजारों के मुकाबले ज्यादा है। अमेरिका में Model Y की बेस कीमत 44,990 डॉलर यानी करीब 38.60 लाख है। इसके मुकाबले भारत में यह कार करीब 20 लाख रुपये महंगी है। चीन में भी इसकी कीमत करीब 31.5 लाख रुपये और जर्मनी में करीब 46 लाख रुपये है। भारत में कीमतें इसलिए ज्यादा हैं क्योंकि सरकार इंपोर्टेड कारों पर यहां 70% से 110% तक का भारी-भरकम इंपोर्ट्स ड्यूटी लगाती है। इसकी वजह से देश में इंपोर्टेड कारें महंगी हो जाती है।
एलॉन मस्क की चिंता
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क कई सालों से भारत के इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर चिंता जताते आ रहे हैं। साल 2021 में उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि “भारत में गाड़ियों पर लगने वाला इंपोर्ट ड्यूटी पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा है।” उनका कहना था कि टेस्ला भारत में फैक्ट्री लगाने से पहले यहां की मांग को परखना चाहती है। लेकिन इंपोर्ट ड्यूटी इतना अधिक हैं कि ग्राहक तक कार पहुंचने से पहले ही कीमत काफी बढ़ जाती है, जिससे मांग पर असर पड़ता है।
घरेलू कंपनियों की नाराजगी
एलॉन मस्क जहां भारत में नियमों में ढील चाहते थे, वहीं टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी घरेलू कंपनियां इसका सख्ती से विरोध कर रही हैं। उन्होंने सरकार से कहा कि अगर विदेशी कंपनियों को छूट दी गई तो यह घरेलू निवेशकों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने पहले ही भारत में अरबों रुपये का निवेश किया हुआ है। उनका कहना है कि सरकार को सभी के लिए समान प्लेइंग-फील्ड मुहैया कराना चाहिए।
भारत सरकार ने बदले नियम
भारत सरकार ने मार्च 2024 में नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी पेश करते हुए नियमों में कुछ बदलाव किया। सरकार ने अपनी पॉलिसी में कहा कि अगर कोई विदेशी कंपनी भारत में कम से कम 4,150 करोड़ रुपये (करीब $500 मिलियन) का निवेश करके फैक्ट्री लगाती है, तो उसे हर साल 8,000 EV गाड़ियों को सिर्फ 15% ड्यूटी पर आयात करने की इजाजत मिल जाएगी। लेकिन इसमें कुछ शर्तें हैं-
- – गाड़ियों की कीमत कम से कम 35,000 डॉलर होनी चाहिए।
- – तीन साल के अंदर स्थानीय उत्पादन शुरू करना होगा।
- – तीसरे साल तक 25% और पांचवें साल तक 50% लोकलाइजेशन टारगेट पूरा करना होगा।
टेस्ला क्या करेगी?
हालांकि टेस्ला ने अभी तक भारत में फैक्ट्री लगाने का कोई वादा नहीं किया है। टेस्ला के सीईओ एलॉन मस्क ने साल 2024 में भारत दौरे का प्लान बनाया था। उस समय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि एलॉन मस्क इस दौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं और इसके बाद वह भारत में 2 से 3 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान करेंगे। हालांकि मस्क का यह दौरा आखिरी मिनटों में टल गया था।
अब बड़ा सवाल यही है कि क्या टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी? टेस्ला ने शुरुआत में इस पॉलिसी में रुचि दिखाई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
अब भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर नजरें
इस बीच, भारत और अमेरिका के बीच एक ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत हो रही हैं, जिसमें कारों पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का मुद्दा भी शामिल हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका चाहता है कि भारत ऑटोमोबाइल पर पूरी तरह से इंपोर्ट ड्यूटी को हटा दे, जिससे टेस्ला जैसी अमेरिकी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार में एंट्री आसान हो सके।
मस्क भी लंबे समय से इसी की मांग कर रहे हैं। लेकिन भारत अभी तक अमेरिका के इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं है। हालांकि, 31 जुलाई से पहले दोनों देशों के बीच ट्रेड एग्रीमेंट को अंतिम रूप देने की उम्मीद जताई गई है।
टेस्ला के लिए एक अड़चन और है। एलॉन मस्क और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच संबंध हाल के हफ्तों में बिगड़ चुके हैं। दोनों एक दूसरे के खिलाफ कई बार सार्वजनिक बयान भी दे चुके हैं। ऐसे में ट्रंप अब ट्रेड डील के दौरान, कारों पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने के प्रस्ताव पर कितना जोर देंगे, यह देखने वाली बात होगी।
कीमतें घट सकती हैं?
भारत और अमेरिका के बीच अगले एक-दो हफ्ते में ट्रेड डील होने की उम्मीद की जा रही है। अगर इस डील में कारों पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का प्रस्ताव शामिल रहता है, तो तो टेस्ला की Model Y की कीमतें घट सकती हैं। इसके अलावा अगर कंपनी भारत की EV पॉलिसी के तहत देश में अपना प्लांट लगाने का ऐलान करती है, तो भी इसकी कीमतों में में भारी गिरावट संभव है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फिलहाल टेस्ला की जो कार ₹60 लाख में मिल रही है, वह 15–20 लाख रुपये तक सस्ती हो सकती है। इससे टेस्ला भारत में मिड-सैगमेंट ईवी खरीदारों को भी आकर्षित कर पाएगी।
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