
ट्रैवल फूड सर्विसेज का आईपीओ 7 जुलाई को खुल गया है। यह इश्यू 2000 करोड़ रुपये का है। यह पूरी तरह से ऑफर फॉल सेल (ओएफएस है)। इसका मतलब है कि प्रमोटर कपूर फैमिली ट्रस्ट इस इश्यू के जरिए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेच रहा है। इस इश्यू में 9 जुलाई तक निवेश किया जा सकता है। कंपनी ने शेयर का प्राइस बैंड 1,045-1,100 रुपये रखा है। प्राइस बैंड के ऊपरी लेवल पर लिस्टिंग के बाद कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 14.484.74 करोड़ रुपये होगा।
कंपनी का क्या है बिजनेस?
Travel Food Services Ltd (TFS) फूड एंड बेवरेजेज (F&B) और लाउन्ज सर्विसेज ऑफर करती है। इसका फोकस एयरपोर्ट पर है। इसके 442 क्विक सर्विस रेस्टॉरेंट (QSR) आउटलेट्स हैं और इंडिया और विदेश में एयरपोर्ट्स पर 37 प्रीमियम लाउन्ज हैं। कंपनी ने एयरपोर्ट्स पर एफएंडबी सर्विस ऑफर करने के मामले में अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली है। ध्यान में रखने वाली बात है कि एयरपोर्ट्स पर F&B का बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
बिजनेस मॉडल क्या है?
टीएफएस का बिजनेस मॉडल दो वर्टिकल्स-क्यूएसआर और लाउंज पर आधारित है। इस साल के अंत तक इंडिया के 18 एयपोर्ट्स पर कंपनी अपनी सेवाएं दे रही थी। इनमें दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद के एयरपोर्ट्स शामिल हैं। कंपनी कुआलालंपुर और हांगकांग जैसे एयरपोर्ट्स पर भी सेवाएं देती है। कंपनी के QSR पोर्टफोलियो में idli.com और Cafeccino जैसे प्रॉपरायटरी ब्रांड्स शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी के पास KFC, Domino’s और CCD जैसे ग्लोबल ब्रांड्स की फ्रैंचाइजी भी है।
क्या रेवेन्यू शेयर करना पड़ता है?
कंपनी एयरपोर्ट्स पर लाउन्ज का ऑपरेशन Araya Brand नाम से करती है। इसके लिए कंपनी ने कार्ड इश्यूअर्स और एयरलाइंस साथ पार्टनरशिप की है। कंपनी ने एयरपोर्ट्स के साथ जो एग्रीमेंट्स किए हैं, वे ज्यादातर 8-10 साल के हैं। इससे कंपनी को प्राइम टर्मिनल लोकेशंस पर सर्विस ऑफर करने का मौका मिला है। इसके लिए कंपनी को एयरपोर्ट्स ऑपरेटर्स के साथ रेवेन्यू शेयर करना पड़ता है या फिक्स्ड मिनिमम गारंटी देनी पड़ती है।
F&B सेगमेंट में कितनी बाजार हिस्सेदारी?
TFS ने इंडिया के ट्रैवल F&B सेक्टर में अपनी मजबूत जगह बनाई है। ट्रैवल QRS में कंपनी की हिस्सेदारी 26 फीसदी और लाउन्ज सेगमेंट में 45 फीसदी है। इससे दोनों ही कैटेगरी में कंपनी लीडरशिप पोजीशन में है। कंपनी का ऑपरेशन स्ट्रॉन्ग है, जिससे इसकी रेवेन्यू अच्छी रही है। इसका ऑपरेटिंग मार्जिन इस इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा है। ये चीजें इसके फाइनेंशियल परफॉर्मेंस में दिखती हैं। एयरपोर्ट पर सेवाएं देने की वजह से कंपनी के ज्यादातर ऐसे ग्राहक होते हैं, जिनकी पर्चेजिंग कैपेसिटी ज्यादा होती है।
SSP Holdings की कितनी है हिस्सेदारी?
टीएफएस को SSP Holdings का सपोर्ट हासिल है। टीएफएस के प्रमोटर्स में एसएसपी होल्डिंग्स शामिल है। इसकी टीएफएस में 49 फीसदी हिस्सेदारी है। एसएसपी ग्रुप दुनिया में ट्रैवलर सेक्टर के बड़े ऑपरेटर्स में से एक है। इसके पास F&B के 3,000 आउटलेट्स और लाउन्ज आउटलेट्स का नेटवर्क है, जो 35 देशों में स्थित है। टीएफएस का एयरपोर्ट्स ऑपरेटर्स के साथ रिन्यूअल का रिकॉर्ड काफी अच्छा है।
टीएफएस के लिए क्या है रिस्क?
यह बात ध्यान में रखनी होगी कि इंडिया में एयरपोर्ट्स पर ट्रैवल क्यूएसआर लाउन्ज ओपन करने का एक्सक्लूसिव राइट्स टीएफएस के पास नहीं है। यह इस सेगमेंट में मौजूद संभावनाओं का फायदा उठाने की दिशा में एक बड़ी बाधा है। अभी कंपनी में कपूर फैमिली ट्रस्ट की हिस्सेदारी 51 फीसदी है, जो शेयरों की लिस्टिंग के बाद घटकर 37 फीसदी रह जाएगी।
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क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?
लेकिन, अच्छी बात यह है कि इंडिया में जिस तरह से एयरपोर्ट्स की संख्या बढ़ रही है, उससे आने वाले समय में टीएफएस के लिए बड़ी संभावनाएं हैं। यह लिस्टिंग के बाद क्यूएसआर और लाउन्ज सेमगमेंट की अकेली लिस्टेड कंपनी होगी। कंपनी की वैल्यूएशन EV/EBITDA का 23 गुना और पी/ई 40 गुना है जो ज्यादा नहीं है। लंबी अवधि में कंपनी के लिए अच्छी संभावनाएं दिखती हैं। इसलिए लिस्टिंग गेंस के लिहाज से यह इश्यू बहुत फायदेमंद नहीं दिखता है।