
पाकिस्तानी सेना को बड़ा झटका लगा है। तहरीक-ए-तालिबान के लड़ाकों ने उसके दो अफसरों को मार गिराया है। पाकिस्तानी सेना का मेजर मुईज अब्बास शाह टीटीपी के लड़ाकों के हमले में मारा गया। इसी हमले में पाक सेना का लांस नायक जिबरान भी मारा गया। बता दें कि मेजर मुईज अब्बास ने 2019 में भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान में पकड़ने का दावा किया था। ये गिरफ्तारी तब की थी जब अभिनंदन के प्लेन पाकिस्तान में क्रैश हो गया था और वह घायल थे। मेजर मुईज ने तब गिरफ्तारी का दावा करके खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
TTP ने ली जिम्मेदारी
बता दें कि मेजर मेजर मुईज अब्बास पाकिस्तानी स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) की 6वीं कमांडो यूनिट में तैनात थे और वो खैबर पख्तूनख्वा के सारार्गोहा इलाके में मुठभेड़ के दौरान मारे गए। जानकारी के मुताबिक, इस हमले की जिम्मेदारी TTP ने ली है, जिसे आमतौर पर ‘पाकिस्तानी तालिबान’ कहा जाता है।
मिग-21 से एफ-16 मार गिराया था
ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान, 27 फरवरी 2019 को भारत-पाकिस्तान हवाई संघर्ष के दौरान मिग-21 लड़ाकू विमान में उड़ान भर रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान के एफ-16 विमान को मार गिराया और देश के हीरो बन गए। हालांकि, इस हवाई भिड़ंत के दौरान उनका विमान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जा गिरा। वहां पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया। वह करीब 60 घंटे तक दुश्मन की हिरासत में रहे। भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान को आखिरकार उन्हें रिहा करना पड़ा। बाद में, नवंबर 2021 में, उन्हें ग्रुप कैप्टन के पद पर प्रमोट किया गया और उनकी बहादुरी के लिए ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया गया।
पुलवामा हमले का जवाब
भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी। पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर ने सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। हमलावर ने एक मारुति सुजुकी ईको कार में विस्फोटक भरकर यह हमला किया था। बाद में जांच में पता चला कि हमलावर का नाम आदिल अहमद दीर था, जिसे पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ट्रेनिंग दी थी। इस हमले के जवाब में, भारत ने 12 मिराज फाइटर जेट पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में भेजे, जिन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप्स को निशाना बनाकर तबाह कर दिया। यह पूरा ऑपरेशन करीब 20 मिनट में पूरा किया गया, जिसमें नियंत्रण रेखा (LoC) से लगभग 20 किलोमीटर अंदर हमला किया गया।