
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) के बोर्ड ने शेयरहोल्डर्स के एग्रीमेंट में संशोधन को मंजूरी दी है। प्रमोटर्स आदित्य बिड़ला समूह और वोडाफोन समूह का कंपनी में कामकाज और मैनेजमेंट संबंधी अधिकार बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया है। VIL का कहना है कि इस संशोधन के अनुसार कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 48.99 प्रतिशत होने के बावजूद वर्तमान प्रमोटर्स के पास मैनेजमेंट संबंधी अधिकार बने रहेंगे।
शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनी इस बारे में शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लेने के लिए 3 जून को एक असाधारण आम बैठक बुलाएगी। रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा गया है, ‘बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने आज यानि 2 मई 2025 को आयोजित अपनी बैठक में अन्य बातों के साथ शेयरधारकों के समझौते के कुछ क्लॉज को संशोधित करने को मंजूरी दी, ताकि ‘क्वालिफाइंग थ्रेसहोल्ड’ को 13 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक संशोधित किया जा सके और, इसके लिए, भारत सरकार को मूल रूप से जारी किए गए इक्विटी शेयरों को उदासीन रखा जा सके।”
आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन ग्रुप के पास कितनी हिस्सेदारी
वोडाफोन आइडिया में सरकार की हिस्सेदारी 22.6 प्रतिशत से बढ़कर 48.99 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही आदित्य बिड़ला समूह की कंपनियों की हिस्सेदारी 9.5 प्रतिशत और वोडाफोन समूह की कंपनियों की हिस्सेदारी 16.07 प्रतिशत रह गई है। शेयरधारकों के समझौते के अनुसार, वोडाफोन समूह की कंपनियों और आदित्य बिड़ला समूह की कंपनियों के पास कुछ गवर्नेंस और मैनेजमेंट अधिकार हैं। ये तब तक हैं, जब तक कि प्रमोटर समूह के पास फुली डायल्यूटेड बेसिस पर कंपनी की इक्विटी शेयर कैपिटल का 13 प्रतिशत या उससे अधिक हिस्सा है।
संशोधन के जरिए कंपनी ‘शेयर कैपिटल’ और ‘शेयरहोल्डिंग’ की परिभाषा में भी संशोधन करना चाहती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रमोटर समूह, कंपनी पर गवर्नेंस और मैनेजमेंट कंट्रोल बनाए रखें। गवर्नेंस और मैनेजमेंट कंट्रोल, प्रमोटर्स को कंपनी के बोर्ड में डायरेक्टर्स की नियुक्ति करने, प्रमुख कर्मचारियों को नियुक्त करने और बर्खास्त करने आदि में सक्षम बनाएगा।
सरकार ने 36,950 करोड़ रुपये के बकाए को कंपनी की इक्विटी में बदलने के वोडाफोन आइडिया के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 48.99 प्रतिशत की है। मुख्य रूप से वैधानिक देनदारियों में वृद्धि के कारण दिसंबर 2024 तिमाही में वोडाफोन आइडिया का कुल कर्ज लगभग 7 प्रतिशत बढ़कर 2.17 लाख करोड़ रुपये हो गया। दिसंबर 2023 तिमाही में कंपनी पर कुल 2,03,400 करोड़ रुपये का कर्ज था।